आज (25 सितंबर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के टोंक और सवाई माधोपुर जिलों की सीमा पर बनास नदी पर बनी महत्वाकांक्षी ईसरदा बांध परियोजना का बांसवाड़ा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना पर लगभग ₹1,876 करोड़ की लागत आई है। प्रधानमंत्री मोदी ईसरदा बांध में 253 आरएल मीटर तक जल भंडारण क्षमता का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा 357 युवाओं को वर्चुअल नियुक्ति पत्र
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी टोंक जिले को अन्य महत्वपूर्ण सौगातें भी देंगे। इनमें ₹265 करोड़ की लागत से निर्मित बीसलपुर बांध इंटेक पंप हाउस और ₹144 करोड़ की लागत से बने बीसलपुर-टोडारायसिंह पुल का उद्घाटन शामिल है। वह टोंक के 357 युवाओं को वर्चुअल नियुक्ति पत्र भी सौंपेंगे।
दो ज़िलों की सीमा पर बना है ईसरदा बाँध
टोंक और सवाई माधोपुर की सीमा पर स्थित ईसरदा बाँध अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह राजस्थान का संभवतः पहला बाँध है जो दो ज़िलों की सीमा पर बना है। इसके 28 गेटों में से 14 टोंक ज़िले में और 14 सवाई माधोपुर ज़िले में हैं।
बीसलपुर बाँध के बाद ज़िले का दूसरा सबसे बड़ा बाँध
इस मानसून सीज़न में, 10.77 टीएमसी (हज़ार मिलियन क्यूबिक फीट) क्षमता वाले इस बाँध में पहली बार 1,186 टीएमसी पानी जमा हुआ है, जिससे दौसा और सवाई माधोपुर के सात कस्बों और 1,256 गाँवों के लोगों को बनास नदी का पानी मिलने की उम्मीद जगी है। टोंक ज़िले में बनास नदी पर बना ईसरदा बाँध, 38,800 टीएमसी क्षमता वाले बीसलपुर बाँध के बाद ज़िले का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है।
ईसरदा बांध रामगढ़ बांध के लिए वरदान साबित होगा
ईसरदा बांध न केवल दौसा और सवाई माधोपुर की प्यास बुझाएगा, बल्कि भविष्य में राजधानी जयपुर स्थित रामगढ़ बांध के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहत, दूसरे चरण में ईसरदा बांध को पूरी तरह भरकर ईआरसीपी से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, योजना के अनुसार, इस बांध का पानी लगभग ₹2,000 करोड़ की लागत से पाइपलाइन के माध्यम से जयपुर के रामगढ़ बांध तक पहुँचाया जाएगा। आज प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद यह सपना साकार होगा।
12 साल का सफर पूरा
ईसरदा बांध परियोजना का सफर लगभग ₹530 करोड़ का है। 2013 में जब इस बांध का बजट स्वीकृत हुआ था, तब यह ₹530 करोड़ था, जिसे अब संशोधित कर ₹1,876 करोड़ कर दिया गया है। पिछले 12 वर्षों में निर्माण की समय सीमा चार बार बदली गई। हालाँकि, 2023 में भजनलाल सरकार बनने के बाद, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसके निर्माण में तेज़ी लाने के निर्देश दिए, जिसके बाद अब यह परियोजना लगभग पूरी होने वाली है।
पहली बार जल संग्रहण
परियोजना के अधिशासी अभियंता विकास गर्ग ने बताया कि 2025 के मानसून सत्र के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। निर्माण कार्य में तेज़ी लाकर, 15 सितंबर तक बाँध में 1,186 टीएमसी पानी का भंडारण कर लिया गया था। इस बाँध में 600 मीटर ऊँचा कंक्रीट का बाँध और लगभग 5 किलोमीटर लंबा मिट्टी का बाँध शामिल है। विकास गर्ग के अनुसार, ईआरसीपी परियोजना में इस बाँध का बहुत महत्व है और यह क्षेत्र की कायापलट कर देगा।
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