विश्व प्रसिद्ध और प्रख्यात मुक्केबाज और ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम बुधवार (30 अप्रैल) को अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ पहुंचीं। उन्होंने दरगाह पर चादर चढ़ाई और देश में अमन, चैन और खुशहाली की दुआ मांगी। दरगाह के खादिमों ने उनकी जियारत कराई और उन्हें तबारक भेंट किया। आपको बता दें, मुक्केबाज मैरी कॉम ने बुधवार को अपने पति करुंग ओनलर से तलाक की आधिकारिक पुष्टि की है।
मैरी कॉम की निजी जिंदगी को लेकर कई तरह की अफवाहों के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी और तलाक के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि उनका तलाक आपसी सहमति से 20 दिसंबर 2023 को हो चुका है। मैरी कॉम ने हितेश चौधरी और किसी और के साथ डेटिंग की अफवाहों को निराधार बताया। उन्होंने प्रशंसकों और लोगों से कोई झूठी अफवाह न फैलाने की अपील की। मैरी कॉम की शादी साल 2005 में करुंग ओनलर से हुई थी। वहीं, 18 साल बाद साल 2023 में उनका तलाक हो गया। हालांकि, तलाक की खबर 16 महीने बाद सामने आई है।
अजमेर दरगाह को लोगों को जोड़ने वाला पवित्र स्थान बताया
मैरी कॉम ने अजमेर दरगाह में करीब एक घंटा बिताया और ख्वाजा साहब की शिक्षाओं और मानवता के संदेशों को श्रद्धा के साथ याद किया। उन्होंने दरगाह की सादगी, आध्यात्मिकता और शांति की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा, यह पवित्र स्थान सभी धर्मों को जोड़ने का काम करता है और यहां आकर मन को शांति मिलती है। इस मौके पर मैरी कॉम ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई दुखद घटना पर गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा, पहलगाम में हुई घटना ने मुझे बहुत दुखी किया है। मैंने ख्वाजा साहब की दरगाह पर देश के लिए शांति और भाईचारे की दुआ मांगी है।
देशवासियों से एकता और शांति बनाए रखने की अपील की
मैरी कॉम ने देशवासियों से एकता और शांति बनाए रखने की अपील की। मैरी कॉम ने कहा कि भारत एकता और शांति का प्रतीक है और समाज में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उनकी भावनात्मक अपील को दरगाह के खादिमों और स्थानीय लोगों ने भी सराहा और एकता का संदेश दिया।
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