असम के श्रीभूमि ज़िले में कांग्रेस सेवादल के एक कार्यक्रम में "आमार सोनार बांग्ला.." गीत की कुछ पंक्तियां गाने का एक वीडियो सामने आने के बाद इस पर चर्चा तेज़ है.
दरअसल यह गीत नोबेल पुरस्कार विजेता और मशहूर कवि रवींद्रनाथ टैगोर का है जो अब बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी है. इस गीत का वीडियो क्लिप जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ असम में राजनीतिक विवाद छिड़ गया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस को श्रीभूमि ज़िला कांग्रेस कमेटी के ख़िलाफ़ बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाने के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.
बांग्लादेश की सीमा से सटे श्रीभूमि ज़िले का नाम अभी कुछ महीने पहले तक करीमगंज था. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इस ज़िले का जितना पुराना इतिहास है उतना ही बंगाली आबादी बहुल यह ज़िला अक्सर विवादों के घेरे में रहा है.
बीबीसी हिन्दी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
दरअसल सोशल मीडिया पर प्रदेश बीजेपी के नेता और राज्य के कुछ मंत्री बांग्लादेश के राष्ट्रगान वाले वीडियो की क्लिप को शेयर करते हुए कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं.
इस मामले पर असम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल ने फ़ेसबुक पर लिखा, "श्रीभूमि में कांग्रेस की एक बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया गया. ऐसा देश जो पूर्वोत्तर को भारत से अलग करना चाहता है. इससे पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दिया, जिसका लक्ष्य 'ग्रेटर बांग्लादेश' बनाना था."
इस मामले को लेकर बीजेपी के स्थानीय नेता अनुपम दास चौधरी ने श्रीभूमि सदर थाने में एक एफ़आईआर भी दर्ज कराई है.
- हिमंत बिस्वा सरमा और प्रियांक खड़गे के बीच क्यों छिड़ी तीखी जुबानी जंग?
- ज़ुबिन की मौत से उपजा गुस्सा क्या असम के चुनाव पर भी असर डाल सकता है?
श्रीभूमि के ज़िला कांग्रेस कार्यालय में पिछले हफ़्ते कांग्रेस सेवादल की एक बैठक में वरिष्ठ कार्यकर्ता बिधु भूषण दास ने कथित तौर पर "आमार सोनार बांग्ला, आमी तोमाय भालोबासी" गीत की कुछ पंक्तियां गाई थीं.
राज्य की सत्ता संभाल रही बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की 'यह हरकत ग्रेटर बांग्लादेश वोट बैंक' का एजेंडा है.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया से कहा, "कांग्रेस एक मियां पार्टी है. इसीलिए इनके लोग बांग्लादेश के गुणगान गाते हैं."
असम में बंगाली मूल के मुसलमानों को बोलचाल की भाषा में मियां कहकर संबोधित किया जाता है. असम में मियां मुसलमान का मतलब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए हुए मुसलमानों से है.
सीएम ने आगे कहा, "श्रीभूमि ज़िले की ज़िला कांग्रेस कमेटी ने भारत के राष्ट्रगान के स्थान पर बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया. यह भारत के लोगों और हमारे राष्ट्रगान का घोर अनादर है क्योंकि यह हरकत बांग्लादेश के कई अहम लोगों के उस नए दावे के अनुरूप है जिसमें वे पूर्वोत्तर क्षेत्र को बांग्लादेश का हिस्सा बताते हैं."
"कांग्रेस की जिला समिति द्वारा बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाना किसी न किसी तरह विभिन्न बांग्लादेशी लोगों के दावों का समर्थन करता है. मैंने असम पुलिस को श्रीभूमि ज़िला कांग्रेस समिति के विरुद्ध एक मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है."
दरअसल अभी कुछ दिन पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने एक पाकिस्तानी जनरल को एक नक्शा उपहार में दिया था जिसमें कथित तौर पर असम और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दर्शाया गया.
जब भारतीय मीडिया में ये खबरें प्रकाशित हुईं तो एक बड़ा राजनयिक विवाद पैदा हो गया था. हालांकि, बाद में बांग्लादेश सरकार ने एक बयान में इन रिपोर्ट्स को "पूरी तरह से गलत और मनगढ़ंत" बताया था.
जिन्होंने "आमार सोनार बांग्ला.." गाया, वो क्या कहते हैं?कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता बिधु भूषण दास ( 74) इस विवाद पर बीबीसी से कहते हैं, "मुझे थोड़ा भी अफ़सोस नहीं है. ना ही मुझे किसी तरह का डर है. मैं हैरान ज़रूर हूं कि कविगुरु के एक गीत को लेकर राजनीति की जा रही है? जबकि मैंने सिर्फ़ आमार सोनार बांग्ला, अमी तोमाय भालोबासी (मेरा स्वर्णिम बंगाल, मैं तुमसे प्यार करता हूं, गीत की एक लाइन गाई थी."
वह कहते हैं, "ब्रिटिश शासन में बंगाल के पहले विभाजन के दौरान 1905 में रवींद्रनाथ टैगोर ने यह गीत लिखा था. मुझे कविगुरु के गीतों से बहुत प्यार रहा है. इस गीत से हमारी भावना जुड़ी है. मैं बचपन से ये गीत सुनता आ रहा हूं. इस गीत की केवल एक लाइन गाना कैसे अपराध हो सकता है? मुझे तो यह भी पता नहीं था कि यह गीत बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी है."
पुलिस कार्रवाई और राष्ट्रद्रोह के आरोपों का जवाब देते हुए बिधु भूषण दास ने कहा, "सीएम को इस बारे में शायद जानकारी नहीं है. कविगुरु के गीत की एक लाइन गुनगुनाना राष्ट्र सुरक्षा कानून के ख़िलाफ़ कैसे हो सकता है? मुझे किसी तरह की सज़ा देने से पहले उन्हें साबित करना होगा कि मैंने क्या गलत किया है. मैं रवींद्रनाथ टैगोर और उनके गीतों से प्यार करता हूं और उनके गीत आगे भी गाता रहूंगा."
उनका कहना है कि उन्हें ये जानकारी नहीं है कि पुलिस में उनकी शिकायत हुई है.
बिधु भूषण दास कहते हैं, "मुझे पुलिस की तरफ़ से अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है. रवींद्रनाथ टैगोर ने ही करीमगंज को श्रीभूमि कहा था. लिहाजा मुझे इस मामले में अपने लोगों और पार्टी का समर्थन मिल रहा है."
पुलिस में इस मामले को लेकर हुई शिकायत के बारे में श्रीभूमि के पुलिस अधीक्षक लीना दौले ने बीबीसी न्यूज़ हिन्दी को बताया, "पुलिस को एक शिकायत मिली है लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है. इस मामले में कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन अभी किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है."
- 'झूठ बीजेपी की रोजी-रोटी है', पाकिस्तान को लेकर सॉफ़्ट कॉर्नर के आरोपों पर बोले गौरव गोगोई
- असम के 'बेदख़ली अभियान' ने जिन पर डाला असर, यह रहा उनका हाल: ग्राउंड रिपोर्ट
BBC/Getty Images कांग्रेस ने सरकार पर बंगाली संस्कृति के प्रति "अनादर" दिखाने और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के प्रति "अवहेलना" करने का आरोप लगाया है.
श्रीभूमि ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तापस पुरकायस्थ ने कहा, "बिधु भूषण दास पिछले 54 सालों से कांग्रेस में हैं. 27 अक्तूबर को पार्टी ने उन्हें सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम में बुलाया था. हमारे कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् से हुई और फिर अंत में राष्ट्रगान जन-गण मन गाया गया. कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अपने मन की कुछ बातें कही और एक लाइन आमार सोनार बांग्ला, आमी तोमाय भालोबासी गाया."
"हम भारत के बंगाली हैं और हमें अपने विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर के गीत गाने का अधिकार है. बीजेपी जिस कदर इस विषय को लेकर राजनीति करना चाह रही है उसे बंगाली लोग पसंद नहीं कर रहे हैं."
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने भी एक बयान जारी कर कहा, "रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा यह गीत बराक घाटी और समूचे बंगाली समुदाय और सांस्कृतिक विरासत का खूबसूरती से प्रतिनिधित्व करता है. बीजेपी ने एक बार फिर बंगाली भाषा और उसके लोगों के प्रति अनादर दिखाया है."
कांग्रेस नेता ने कहा, "बीजेपी ने बंगाली समुदाय का बार-बार अपमान किया है. उनके आईटी सेल ने पहले पश्चिम बंगाल के लोगों का मज़ाक उड़ाया था. अब यह असम में बंगाली संस्कृति को नीची नज़र से देख रहे हैं."
"टैगोर के आदर्शों और ऐतिहासिक विरासत का अनादर करने वाली बीजेपी बंगालियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है, लेकिन उनकी संस्कृति या भावनाओं को समझने की कभी कोशिश नहीं करती."
विधानसभा चुनाव से पहले की राजनीति?असम की बराक घाटी में तीन बंगाली-बहुल जिलों में से श्रीभूमि एक है, जिसका नाम बदलने के पीछे बीजेपी ने टैगोर से संबंध बताया था. दरअसल टैगोर ने एक समय इस क्षेत्र को "श्रीभूमि मतलब मां लक्ष्मी की भूमि" कहा था.
इस मामले को कुछ जानकार आने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं.
बीते तीन दशकों से असम की राजनीति को कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार समीर के. पुरकायस्थ कहते हैं, "कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश राज के दौरान 1905 में बंगाल के विभाजन के विरोध में यह गीत लिखा था. जबकि बांग्लादेश ने 1971 में इसे अपना राष्ट्रगान बनाया. लिहाजा बंगाली समुदाय के लिए आमार सोनार बांग्ला...गीत बांग्लादेश बनने से पहले का और काफी भावनातमक विषय है."
वह कहते हैं, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बंगाल की एक सभा में आमार सोनार बांग्ला...आमी तोमाय भालोबासी पंक्तियां बोली थी. फिर असम में इसे कैसे देश विरोधी कहा जा सकता है."
"असम के जिस क्षेत्र से यह मुद्दा सामने आया है, वहां दरअसल बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है. अगले पांच-छह महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं तो ऐसे कई मुद्दे सुर्खियों में आएंगे. लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि बंगाली समुदाय पर इस तरह की राजनीति का कोई असर पड़ेगा."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
- असम के धुबरी ज़िले पर सुधांशु त्रिवेदी के 'मिनी बांग्लादेश' वाले बयान से क्यों मचा है हंगामा
- गौरव गोगोई पर निशाना, एफ़आईआर पाकिस्तानी के ख़िलाफ़, सीएम हिमंत को किस बात का है डर?
You may also like

ये भविष्यवाणीˈ टलेगी नहीं चाहे कोई कुछ भी कर ले – अब सब बदलने वाला है, सारी दुनिया एक दिन कर लेगी हिन्दू धर्म स्वीकार

कार्तिक पूर्णिमा पर पंचनद महोत्सव की तैयारियों को लेकर डीएम ने लिया जायजा

सडक़ हादसों में मौतों पर हाईकोर्ट ने जताई गहरी चिंता, प्रसंज्ञान लेकर मांगा जवाब

किडनी स्टोनˈ को जड़ से तोड़ने वाले 8 फूड्स और 5 ज़हर जैसे खाने, जिन्हें आज ही छोड़ दें

राहुल गांधी ने बिहार में जातिगत असमानता पर उठाया सवाल




