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विराट कोहली: टेस्ट क्रिकेट में 'फ़्लॉप शो' से 'किंग' बनने तक का सफ़र

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Getty Images विराट कोहली अब सिर्फ़ वनडे क्रिकेट खेलते हुए नज़र आएंगे

"टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनकर मैदान में उतरे हुए 14 साल हो गए. सच कहूं तो मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ये फ़ॉर्मेट मुझे ऐसे सफ़र पर ले जाएगा. इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे गढ़ा, मुझे निखारा, और बहुत कुछ सिखाया जो ज़िंदगी भर मेरे साथ रहेंगे."

इन शब्दों के साथ मौजूदा समय के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. विराट कोहली टी20 इंटरनेशनल से पहले ही संन्यास ले चुके हैं. हालांकि वो वनडे क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे.

विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में सफर 14 साल लंबा रहा और इस दौरान उन्होंने 123 टेस्ट मैच खेले. विराट ने 123 टेस्ट मैचों की 210 पारियों में 30 शतक, 31 अर्धशतकों की बदौलत 46.85 के औसत से 9230 रन बनाए.

विराट ने अपने संन्यास का एलान इंस्टाग्राम पर किया.

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विराट कोहली ने लिखा, "सफेद जर्सी में खेलने का एक अलग ही अपनापन होता है. वो चुपचाप की जाने वाली मेहनत, वो लंबे-लंबे दिन, और वो छोटे-छोटे लम्हे जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन ये आपके दिल में हमेशा के लिए बस जाते हैं."

विराट ने लिखा, "हालांकि इस फ़ॉर्मेट से अलग होने का यह फ़ैसला आसान नहीं था, पर मुझे सही लगा. मैंने इस खेल को अपना सब कुछ दिया है और बदले में इसने मुझे उससे कहीं ज़्यादा दिया, जितना मैंने कभी सोचा था."

image BBC

कोहली ने अपने प्रशंसकों और दर्शकों के प्रति भी आभार जताया.

पूर्व कप्तान ने लिखा, "मैं टेस्ट क्रिकेट से पूरी कृतज्ञता के साथ विदा ले रहा हूं. इस खेल के लिए, उन सभी साथियों के लिए जिनके साथ मैंने मैदान शेयर किया, और हर उस व्यक्ति के लिए जिसने इस सफ़र के दौरान मुझे ये महसूस कराया कि मैं देखा गया."

पोस्ट के अंत में विराट ने लिखा, "मैं अपने टेस्ट करियर को हमेशा एक मुस्कान के साथ याद रखूंगा."

पिछले साल टी20 इंटरनेशनल से संन्यास image Getty Images 2014 में इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट में विराट के बल्ले से महज 134 रन ही निकले

पिछले साल जून में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

अभी कुछ दिन पहले ही रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी, विराट का यह फ़ैसला उसके कुछ दिनों बाद ही आया है.

इसका मतलब यह भी है कि इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़ में मध्यक्रम में दो सीनियर क्रिकेटर्स की ग़ैर मौजूदगी होगी.

इंग्लैंड में ही खेली गई 2014 की टेस्ट सिरीज़ के फ़्लॉप शो ने कोहली को विराट बनाने में एक अहम भूमिका निभाई.

तब तक वो ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड, न्यूज़ीलैंड के बेसिन रिज़र्व और दक्षिण अफ़्रीका के जोहानेसबर्ग में शतक जमा चुके थे. उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ स्टार माना जा रहा था.

तब 24 टेस्ट मैच खेल चुके विराट कोहली पहली बार इंग्लैंड की धरती पर खेलने गए थे.

ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ़्रीका की तेज़ पिचों पर अपना लोहा मनवा चुके विराट की इंग्लिश गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन के आगे एक न चली.

अंग्रेज़ी मीडिया में उनकी खूब आलोचना हुई, यहां तक लिखा गया कि, "घरेलू मैदान में हर बल्लेबाज़ शेर होता है, लेकिन जो हर तरह की पिचों पर शानदार बल्लेबाज़ी करे वो ही वास्तव में महान बल्लेबाज़ है."

पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में विराट के बल्ले से (1, 8, 25, 0, 39, 28, 0, 7, 6, 20) महज़ 134 रन बने.

टेस्ट में शुरू हुई दूसरी 'पारी' image Getty Images विराट कोहली को टेस्ट में असल कामयाबी 2014 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे से मिली

विराट के करियर का यह प्रकरण इसलिए ज़रूरी है कि जब वो भारत लौटे तो उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी की तकनीक को और सुधारने की ठान ली. सचिन तेंदुलकर से भी सलाह ली.

एक तरफ उनकी आलोचना हो रही थी तो दूसरी ओर वो कड़ा अभ्यास कर रहे थे.

सचिन जैसी लगन, फिटनेस ऐसा कि उसेन बोल्ट को भी टक्कर दें. विराट कोहली ने "ख़ुद पर यकीन करना और कड़ी मेहनत" को अपने क्रिकेट का मंत्र ही बना लिया.

यहां से कोहली क्रिकेट के सभी तीन फ़ॉर्मेट में न केवल फिट हुए बल्कि ताबड़तोड़ रन भी बनाए. बल्ले से रन ऐसे निकलने लगे कि उन्हें 'चेज़ मास्टर' तक का उपनाम मिला.

इंग्लैंड के असफल दौरे से अगस्त में लौटे कोहली अगले चार महीने नेट्स में जम कर पसीने बहाते रहे और इसका नतीजा आया उसी साल 9 दिसंबर से शुरू हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर.

एडिलेड के पहले टेस्ट की दोनों पारियों में कोहली के बल्ले से शतक निकले फिर मेलबर्न में सेंचुरी जमाई.

भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान image Getty Images विराट कोहली टेस्ट में भारत के सबसे सफल कप्तान हैं

ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर ही महेंद्र सिंह धोनी की जगह विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी सौंप दी गई.

2011 में वेस्ट इंडीज़ के सबीना पार्क पर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कोहली क़रीब साढ़े तीन साल बाद ही कप्तान बना दिए गए.

चयनकर्ताओं का यह फ़ैसला बेहद कारगार साबित हुआ. बतौर कप्तान पहले टेस्ट में ही कोहली ने सेंचुरी जमाई और सिडनी टेस्ट को ड्रॉ पर रोकने में अहम भूमिका निभाई.

विराट न केवल सबसे सफल भारतीय क्रिकेट कप्तान बने बल्कि उन्होंने कई यादगार जीत दिलाई और इस दौरान उनके बल्ले से भी खूब रन बरसे.

बतौर टेस्ट कप्तान विराट ने भारत को सबसे अधिक 40 टेस्ट मैचों में जीत दिलाई. इस दौरान सबसे अधिक लगातार 9 टेस्ट सिरीज़ जीतने का रिकॉर्ड कायम किया. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सिरीज़ में जीत हासिल की.

बतौर टेस्ट कप्तान विराट ने सबसे अधिक 5,864 रन, सर्वाधिक 20 शतक, सबसे अधिक छह दोहरे शतक, सर्वाधिक नाबाद 254 रन के रिकॉर्ड बनाए जो आज भी कायम है.

इन 14 सालों के दौरान पांच ऐसे भी साल (2012, 2015, 2016, 2018 और 2023) आए जब विराट ने एक कैलेंडर वर्ष में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ से अधिक रन बनाए.

जब इंग्लैंड के दूसरे दौरे पर आए कोहली image Getty Images 2018 के इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली के अलग तेवर देखने को मिले

अपनी कप्तानी के दौरान की कोहली 2018 में इंग्लैंड दौरे पर फिर गए तो उन्होंने अलग छाप छोड़ी.

59.30 की औसत से उन्होंने दोनों टीमों के किसी भी खिलाड़ी से अधिक 583 रन बनाए. दो दमदार शतक जमाए और इंग्लैंड की मीडिया को 'किंग कोहली' लिखने पर मजबूर किया.

इस साल विराट ने कुल 1322 रन बनाए. 2016 से 2019 तक विराट कोहली के टेस्ट करियर का स्वर्णिम दौर रहा. इस दौरान उनके बल्ले से 35 टेस्ट मैचों के दौरान 66.59 की औसत से 14 शतक और आठ अर्धशतकों समेत 3596 रन निकले.

अपने इंटरव्यू के दौरान विराट कई बार यह कहते सुने गए हैं कि मैदान पर कठिन परिस्थितियों में सकारात्मक बने रहना कितना अहम होता है. यही वजह है कि थोड़ी लड़खड़ाहट के बाद कोहली उठ खड़े होते हैं और उनके बल्ले से ताबड़तोड़ रन निकलने लगते हैं.

image BBC

हालांकि विराट ने यह लिखा है कि टेस्ट से संन्यास लेने का फ़ैसला आसान नहीं था. लेकिन पिछले 38 मैचों में विराट के बल्ले से केवल तीन शतक आए. दिसंबर-जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर विराट कोहली के बल्ले से 5 टेस्ट मैचों में 190 रन ही निकले.

विराट कोहली के संन्यास लेने की शायद ये भी वजह रही होगी.

अंतरराष्ट्रीय टी20 और टेस्ट क्रिकेट से कोहली ने संन्यास ले लिया है, लेकिन वनडे वो खेलते रहेंगे. रन बनाने की उनकी भूख अभी शांत नहीं हुई है, इसकी गवाही आईपीएल 2025 में उनके बल्ले से निकले 500 से अधिक रन दे रहे हैं.

सचिन तेंदुलकर क्या बोले? image Getty Images सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली को 'खास' टेस्ट करियर के लिए बधाई दी

विराट कोहली के संन्यास लेने पर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर , "आपके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मुझे 12 साल पहले अपने आखिरी टेस्ट में आपके जेस्चर की याद आ रही है."

"आपने अपने दिवंगत पिता की ओर से मुझे एक धागा गिफ्ट करने की पेशकश की थी. इसे स्वीकार करना मेरे लिए काफी पर्सनल था. लेकिन आपका जेस्चर हमेशा मेरे साथ है."

"मेरे पास आपको ऑफर करने के लिए ऐसा धागा नहीं है. लेकिन मेरी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ हैं."

सचिन तेंदुलकर ने लिखा, "आपकी असल विरासत ये है कि अनगिनत युवा क्रिकेटर इस खेल को अपनाने के लिए आपसे प्रेरित होंगे."

"आपका टेस्ट करियर क्या शानदार रहा है. सिर्फ रन ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट को आपने बहुत कुछ दिया है."

"एक बहुत ही खास टेस्ट करियर के लिए बधाई."

कोहली के संन्यास पर किसने क्या कहा? image Getty Images इस साल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर विराट कोहली आखिरी बार सफेद जर्सी में खेलते हुए नजर आए

टेस्ट क्रिकेट से विराट के संन्यास लेने के बाद उनके कई साथी क्रिकेटर्स ने प्रतिक्रिया दी है.

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में साथ खेल चुके पूर्व दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान एबी डिविलियर्स ने एक्स पर , "जबरदस्त टेस्ट करियर! आपके दृढ़ संकल्प और कौशल ने मुझे हमेशा प्रेरित किया. वास्तव में लीजेंड."

पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने विराट को 'आधुनिक क्रिकेट युग का सबसे बड़ा ब्रांड' बताया.

वहीं कई बार आपसी विवादों के लिए सुर्खियों में रहे दिल्ली के उनके साथी क्रिकेटर गौतम गंभीर ने लिखा, "शेर के जूनून वाला शख़्स. मिस यू चिक्स..."

जिस अंदाज में कोहली क्रिकेट खेल रहे हैं उसे देखते हुए उनके अचानक संन्यास लेने के फ़ैसले से उनके कई प्रशंसक मायूस भी हैं.

एक प्रशंसक ने अपनी मायूसी जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, "राहुल द्रविड़ ने 39 की उम्र में संन्यास लिया, सचिन तेंदुलकर ने भी 39 की उम्र में संन्यास लिया, वीवीएस लक्ष्मण ने 38 की उम्र में संन्यास लिया. लेकिन जिम फ़्रीक और फिटनेस मॉन्स्टर विराट कोहली ने केवल 36 की उम्र में संन्यास ले लिया. विराट ने जो निर्णय आज लिया उसे कोई भी सही नहीं ठहरा सकता."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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