जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए चरमपंथी हमले में कानपुर के गंगागंज इलाके के रहने वाले 30 वर्षीय शुभम द्विवेदी की मौत हो गई है.
शुभम अपने पूरे परिवार के साथ पहलगाम घूमने गए थे. उनके साथ उनकी पत्नी, माता-पिता, बहन, बहनोई और ससुराल के कुछ रिश्तेदार भी थे.
पहलगाम से करीब पांच किलोमीटर दूर बैसरन पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है. मंगलवार को यहां चरमपंथियों ने आम लोगों को निशाना बनाया था.
इस चरमपंथी हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई है.

शुभम के चचेरे भाई दिव्यांश ने बताया कि शुभम की शादी इसी साल फ़रवरी में हुई थी और परिवार के सभी लोग बड़े उत्साह के साथ उसमें शामिल हुए थे. लेकिन अब परिवार में गम का माहौल है.
शुभम के एक और चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने एक न्यूज़ चैनल से कहा, ''कल तीन बजे के आसपास हमने उनका हालचाल लेने के लिए फोन किया था. इस पर उन लोगों ने बताया कि अब से थोड़ी देर पहले यहां एक आतंकवादी हमला हुआ था. वो बेहद घबराए हुए थे. उन लोगों ने बताया कि शुभम को गोली लगी है. हालांकि वो (परिवारवाले) कुछ बताने में असमर्थ थे.''
सौरभ ने बताया, ''आधे घंटे बाद मैंने फिर फोन किया. इस बार फोन उनकी (शुभम की) पत्नी ने उठाया और कहा कि शुभम को गोली मार दी गई है. वो बुरी तरह रो रहीं थीं. इसके एक घंटे के बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें हमने उनकी पहचान की. पूरा परिवार पहलगाम में मौजूद था. लेकिन परिवार के कुछ ही लोग घुड़सवारी करते हुए ऊपर मैदानों (बैसरन) पर पहुंचे थे.''
बुधवार को कानपुर के गंगागंज स्थित शुभम के पैतृक आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ लगी रही. इस वक्त घर पर उनके चाचा मनोज द्विवेदी और चाची अंजना द्विवेदी मौजूद थे.
मनोज द्विवेदी ने बताया, "कल यानी मंगलवार दोपहर लगभग तीन बजे आख़िरी बार बात हुई थी. तब भाई ने बताया था कि शुभम को गोली लगी है. लेकिन रात करीब 7 बजे यह दुखद सूचना मिली कि शुभम की मौत हो चुकी है."
भावुक अंजना द्विवेदी कहती हैं, "मुझे भी साथ जाना था, लेकिन पैर में फ्रैक्चर हो गया था इसलिए नहीं जा सकी. शुभम बहुत होनहार था. घर का सारा कामकाज संभाल रहा था. शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ विदेश भी गया था, लेकिन यह परिवार के साथ उसकी पहली यात्रा थी."

शुभम की बुआ किरण शुक्ला भी पैतृक घर पर मौजूद हैं. वह कहती हैं, "मेरा इकलौता भतीजा अब इस दुनिया में नहीं रहा, मेरे भाई के दो ही बच्चे थे एक लड़का और एक लड़की."
गंगागंज के स्थानीय लोग शुभम को मिलनसार और सम्मान देने वाला युवा बताते हैं. शुभम यहां सीमेंट का कारोबार करते थे.
स्थानीय निवासी प्रमोद कुमार सिंह बताते हैं, "पहले पूरा परिवार यहीं रहता था. कुछ वक्त पहले श्याम नगर शिफ्ट हो गया, लेकिन शुभम का आना-जाना रोज होता था. वह सभी का बहुत सम्मान करता था."
शुभम के पैतृक आवास पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के आने का सिलसिला जारी है.
योगी आदित्यनाथ ने शुभम के पिता से बात कीउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभम के पिता संजय द्विवेदी से बात की.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकी हमले में जनपद कानपुर के शुभम द्विवेदी जी का निधन अत्यंत दु:खद है. आज दूरभाष पर उनके पिता श्री संजय द्विवेदी जी से बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. दुःख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता से परिवार के साथ खड़ी है.''
उन्होंने लिखा, ''प्रदेश के संबंधित अधिकारियों को पार्थिव शरीर को ससम्मान कानपुर पहुंचाने हेतु निर्देशित किया है.''
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी शुभम द्विवेदी के परिवार वालों से मुलाक़ात की.
उन्होंने पहलगाम में चरमपंथी हमले की इस घटना को 'कायरतापूर्ण और 'भय से प्रेरित कृत्य' बताया.
महाना ने कहा, ''कल जो घटना हुई, वह अत्यंत दुखद और कायरता से भरी थी. उन्होंने नाम पूछ कर हमला किया, जिससे यह साफ़ हो जाता है कि वे भारत सरकार और भारतीय सेना से डरे हुए हैं. लेकिन ऐसे कायरतापूर्ण कृत्य देश को डिगा नहीं सकते.''
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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