हरिद्वार, 17 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली पर्व के अब तीन दिन का ही समय शेष है। ऐसे में हर कोई दीपावली की तैयारियों में जुटा है। खासकर दुकानदारों ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है और बाजार सज भी चुके हैं। इसी के साथ मिट्टी के सामान का बाजार भी सज चुका है। बाजार में स्वदेशी अपनाने की अपील का असर भी दिख रहा है।
बाजारों में पारंपरिक मिट्टी के बर्तन, दीये और गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों से पटा पड़ा है। यह स्वदेशी सामान आधुनिकता और चाइनीज उत्पादों की सस्ती कीमतों के बावजूद अपनी पारंपरिक कला के जरिए बाजार में अपनी जगह बनाए रख रहा है। स्वदेशी की अलख के कारण लोगों का मिट्टी के दियो और परम्परागत सामानों की ओर रूझान बढ़ा है। यही कारण है कि बाजारों में मिट्टी के दिए और अन्य सामानों की मांंग बढ़ रही है।
कुम्हार व्यवसायी कृण कुमार, राजेंद्र, सोहनलाल और संजय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान से मिट्टी के बने दीये और मूर्तियों की मांग में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। फिर भी चाइनीज उत्पादों की सस्ती कीमतों के कारण प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के दीये और बर्तन तैयार करने में बहुत मेहनत और लागत लगती है, लेकिन परंपरागत पूजा अर्चना करने वाले उपभोक्ता अब भी कच्ची मिट्टी के बर्तन और कुल्हड़ को प्राथमिकता देते हैं।
कृष्ण कुमार ने बताया कि उनका परिवार तीन पीढि़यों से इस व्यवसाय में लगा हुआ है। हालांकि, आज की युवा पीढ़ी इस व्यवसाय में रुचि नहीं ले रही है। उन्होंने कहाकि मिट्टी महंगी मिलती है और मेहनत की तुलना में आमदनी कम है। सरकार को कुम्हारों के व्यवसाय को बढ़ावा देने और उनकी आय में सुधार के लिए प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुम्हार समाज कई बार चाइनीज उत्पादों पर रोक लगाने की मांग कर चुका है, ताकि उनके पारंपरिक व्यवसाय को सहारा मिल सके। उनका कहना है कि मिट्टी के दीये, कुल्हड़ और मूर्तियां न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा भी हैं। दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दीयों, भगवान की मूर्तियों और कुल्हड़ों की बिक्री चरम पर होती है। कुम्हार समाज का कहना है कि अगर सरकार इस व्यवसाय को समर्थन दे और चाइनीज उत्पादों की बिक्री पर सख्ती करे, तो यह व्यवसाय फिर से अपनी खोई हुई रौनक वापस पा सकता है। इस बार भी बाजारों में मिट्टी के दिए व अन्य सामान खरीदने वालों की संख्या काफी दिखायी दे रही है। हालांकि अभी दीपावली में तीन दिन का समय शेष है। आगामी दो दिनों मंे बाजारों में और रौनक देखने को मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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