इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने भारत के खिलाफ द ओवल में खेले गए पाँचवें टेस्ट में कंधा डिस्लोकेट होने के बावजूद बल्लेबाजी करने का अनुभव साझा किया। 36 वर्षीय वोक्स ने बताया कि चोट के बावजूद उन्होंने टीम का साथ देना जरूरी समझा और जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास किया।
मैच के पहले दिन बारिश से गीले आउटफील्ड पर फिसलने से उन्हें चोट लगी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने मैदान न छोड़ने का फैसला किया। पाँचवे दिन, जब इंग्लैंड को 374 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य पूरा करना था, तब उन्हें बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा। बाएँ हाथ में स्लिंग बाँधे और दाएँ हाथ से बल्लेबाजी करते हुए वे मैदान में आए। दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया, जिससे उनका मनोबल बढ़ गया।
अंतिम दिन की शुरुआत में इंग्लैंड को मात्र 35 रनों की जरुरत थी और 4 विकेट बाकी थे, लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने शानदार गेंदबाजी कर टीम को परेशानी में डाल दिया, जिससे इंग्लैंड 9 विकेट खो बैठा और वोक्स को बल्लेबाजी करने आना पड़ा।
इस दौरान वोक्स को एक भी गेंद खेलने का मौका नहीं मिला, क्योंकि एटकिंसन उन्हें स्ट्राइक से दूर रख रहे थे। इसके बावजूद, कंधे की चोट के बीच उन्होंने रन लेने में पूरी मेहनत की, जो उनके जज्बे को दर्शाता है।
इस पूरे मामले पर वोक्स ने क्या कहा ?वोक्स ने कहा कि चोट के बावजूद मैदान पर उतरना उनके लिए तय था और उन्होंने कभी हार मानने का इरादा नहीं किया। हालांकि, मात्र 6 रन से मिली हार उन्हें अभी भी खल रही है, क्योंकि इस हार से सीरीज 2-2 से बराबर हो गई। विरोधी टीम के कप्तान शुभमन गिल ने भी उनके साहस की सराहना की।
बता दें कि यह टेस्ट मैच क्रिकेट के इतिहास के सबसे रोमांचक मैचों में माना जाएगा, जिसमें दोनों टीमों ने पूरे दिल से खेला और खेल भावना की मिसाल पेश की थी।
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