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टेलीकॉम की जंग के बाद अब 'अप्लायंस वॉर'! हायर इंडिया की हिस्सेदारी पर अंबानी और मित्तल आमने-सामने

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भारत के अप्लायंस मार्केट में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। चीन की जानी-मानी कंपनी हायर (Haier), जो फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसी चीजों के लिए मशहूर है. वह अपने भारतीय कारोबार में देसी पार्टनर लाना चाहती है और इसी में कूद पड़े हैं दो जाने-माने इंडस्ट्रियल दिग्गज — मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल। भारत में अपनी 25% से 51% तक हिस्सेदारी बेचना चाहती है हायरहायर भारत में अपनी 25% से 51% तक हिस्सेदारी बेचने का प्लान बना रही है। इसका मतलब यह है कि वह अपने बिजनेस में एक मजबूत भारतीय भागीदार को लाकर खुद को ज्यादा लोकल बनाना चाहती है, ठीक वैसे ही जैसे MG मोटर्स ने किया था। हायर को अपने भारतीय कारोबार की कीमत 2 से 2.3 बिलियन डॉलर तक चाहिए। इसमें कंपनी कुछ कंट्रोल यानी फैसले लेने के अधिकार भी देने को तैयार है। इस डील के लिए हायर ने Citi बैंक के साथ हाथ मिलाया है, जो निवेशकों की तलाश कर रही है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इस रेस में सबसे आगेमुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) इस रेस में सबसे आगे मानी जा रही है। वहीं, सुनील मित्तल की भारती ग्रुप ने वारबर्ग पिंकस के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया है और ये भी हायर में हिस्सेदारी पाने की कोशिश कर रहे हैं। इनके अलावा कुछ और बड़े नाम भी लाइन में हैं। जैसे - TPG और डाबर का बर्मन परिवार, गोल्डमैन सैक्स और मैकडॉनल्ड्स इंडिया वाले अमित जटिया और सिंगापुर का GIC और वेलस्पन ग्रुप के बीके गोयनका। जबकि, दालमिया भारत ग्रुप के पुनीत दालमिया और बेन कैपिटल इस रेस से हट चुके हैं। इस डील को जो भी हासिल करेगा, वह भारत के अप्लायंस सेक्टर में एक बड़ी जगह बना सकता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अंबानी और मित्तल की यह टक्कर टेलीकॉम के बाद अब होम अप्लायंसेज की दुनिया में देखने को मिल रही है। रिलायंस ने हायर के चीन स्थित हेडक्वार्टर से डॉयेक्ट संपर्क कियाचीन की कंपनियां अब भारत में पार्टनरशिप के लिए ज्यादा तैयार दिख रही हैं. खासकर तब से जब डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने उनके अमेरिकी बाजार पर असर डाला है। अमेरिका में उनके प्रोडक्ट्स महंगे हो जाने के कारण अब वे भारत जैसे बड़े बाजार में पकड़ मजबूत करना चाहती हैं। इसी मौके को भांपकर रिलायंस ने भी रेस में एंट्री मार ली है। शुरुआत में जब नॉन बाइंडिंग प्रस्ताव दिए गए थे, तब रिलायंस इस लिस्ट में नहीं थी। अब, सूत्रों के अनुसार, रिलायंस के सलाहकारों ने सीधे हायर के चीन स्थित हेडक्वार्टर (Qingdao) से संपर्क किया है। उधर, सुनील मित्तल भी कुछ हफ्ते पहले चीन गए थे, जहां उन्होंने हायर के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस डील को लेकर रिलायंस का प्लान क्या है?रिलायंस की तरफ से यह डील रिलायंस रिटेल यूनिट के जरिए होगी। खास बात यह है कि रिलायंस अभी तक अकेले ही डील करने की सोच रही है, जबकि बाकी ग्रुप्स अलायंस (गठबंधन) बना रहे हैं। रिलायंस अपने इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में खुद के ब्रांड्स को बढ़ावा देना चाहती है। कंपनी ने पहले भी BPL और Kelvinator जैसे ब्रांड्स के साथ काम किया है। खुद के ब्रांड्स Reconnect और Wyzr भी लॉन्च किए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक बड़ी सफलता नहीं मिली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इस डील को लेकर काफी गंभीर हैं, क्योंकि वे अपने इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड स्पेस को बढ़ाना चाहते हैं – जैसा वे FMCG में Campa Cola के साथ कर रहे हैं। हालांकि, रिलायंस और हायर ने इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
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