इंश्योरेंस लेना हर व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी होता है. खासकर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस हर व्यक्ति को जरूर लेना चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप भविष्य में होने वाले मेडिकल खर्च से बच सकते हैं. आजकल अस्पतालों में छोटे से इलाज के लिए भी लाखों रुपये की जरूरत पड़ती है. ऐसे में आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस काफी जरूरी चीज बन गया है. कंपनियों द्वारा भी अपने कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाता है, जिसे आमतौर पर कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस कहा जाता है लेकिन क्या कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के साथ साथ पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है? आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं. आइए जानते हैं.
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस कितना फायदेमंद?
अगर आपके पास कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस है, तो हम आपको बता दें कि तो भी आपको पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए क्योंकि कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस की बहुत सारी सीमाएं होती हैं. ऐसे में आपको केवल कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस केवल तब तक होता है, जब तक आप उस कंपनी में काम कर रहे हैं. कंपनी छोड़ने के बाद आपका हेल्थ इंश्योरेंस भी खत्म हो जाता है. साथ ही कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में कम लाभ शामिल होते हैं. इसमें केवल अस्पताल में भर्ती होने पर क्लेम की सुविधा होती है. कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी विजिट, मेंटल हेल्थ या क्रॉनिक बीमारियों के खर्च का इलाज शामिल नहीं होता है. ऐसे में कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के साथ साथ पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है.
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस के काफी सारे फायदे होते हैं. साथ ही पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस को आप अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज करा सकते हैं. पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस में आपके भविष्य में होने वाले बड़े मेडिकल खर्चे से तो बच ही सकते हैं. साथ ही यह इंश्योरेंस आपको फिट रहने के लिए भी मदद करता है. हेल्थ इंश्योरेंस में आपको सालाना हेल्थ चेकअप, ओपीडी खर्च, हेल्थ कोचिंग और योग या आयुर्वेद जैसी अल्टरनेटिव थेरेपीज की भी सुविधाएं मिलती हैं.
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस कितना फायदेमंद?
अगर आपके पास कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस है, तो हम आपको बता दें कि तो भी आपको पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए क्योंकि कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस की बहुत सारी सीमाएं होती हैं. ऐसे में आपको केवल कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस केवल तब तक होता है, जब तक आप उस कंपनी में काम कर रहे हैं. कंपनी छोड़ने के बाद आपका हेल्थ इंश्योरेंस भी खत्म हो जाता है. साथ ही कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में कम लाभ शामिल होते हैं. इसमें केवल अस्पताल में भर्ती होने पर क्लेम की सुविधा होती है. कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी विजिट, मेंटल हेल्थ या क्रॉनिक बीमारियों के खर्च का इलाज शामिल नहीं होता है. ऐसे में कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के साथ साथ पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है.
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस के काफी सारे फायदे होते हैं. साथ ही पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस को आप अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज करा सकते हैं. पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस में आपके भविष्य में होने वाले बड़े मेडिकल खर्चे से तो बच ही सकते हैं. साथ ही यह इंश्योरेंस आपको फिट रहने के लिए भी मदद करता है. हेल्थ इंश्योरेंस में आपको सालाना हेल्थ चेकअप, ओपीडी खर्च, हेल्थ कोचिंग और योग या आयुर्वेद जैसी अल्टरनेटिव थेरेपीज की भी सुविधाएं मिलती हैं.
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