एक युवक पुलिस की नौकरी के लिए इंटरव्यू में गया, जहां एक पुलिस अधिकारी ने उससे पूछा कि यदि सेब का मूल्य 150 रुपये प्रति किलो है, तो 100 ग्राम सेब की कीमत क्या होगी।
युवक की गणित कमजोर थी, लेकिन उसकी चतुराई ने उसे बचा लिया। उसने जवाब दिया, 'साहब, अगर मुझे 100 ग्राम सेब के लिए पैसे देने पड़ें, तो फिर पुलिस की नौकरी का क्या फायदा?'
अधिकारी ने कहा, 'ठीक है, मान लेते हैं। लेकिन अगर तुम्हारी पत्नी बाजार जाए, तो 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 100 ग्राम सेब की कीमत क्या होगी?'
युवक ने उत्तर दिया, 'साहब, मेरी पत्नी को मैं आपसे बेहतर जानता हूं। वह 100 ग्राम सेब का ही दाम पूछेगी, यह पक्का है।'
अधिकारी ने फिर पूछा, 'अगर तुम्हारा भाई बाजार जाए तो क्या होगा?'
युवक ने कहा, 'उसकी बात मत करो, साहब। वह तो कामचोर है और सारा दिन सोता रहता है।'
अधिकारी ने हार नहीं मानी और पूछा, 'अगर तुम्हारा पिता सेब खरीदने जाए तो 100 ग्राम का दाम क्या होगा?'
'मेरे पिता के तो दांत ही नहीं बचे हैं,' युवक ने कहा। 'वह तो केला खाता है, इसलिए न तो वह सेब खरीदेगा और न ही दाम पूछेगा।'
अधिकारी ने फिर से पूछा, 'अगर तुम्हारी बहन सेब खरीदने जाए तो क्या?'
'सर, मैंने उसकी शादी पांच साल पहले कर दी है। अब वह अपने पति के साथ जाएगी। मुझे इससे क्या लेना-देना?' युवक ने उत्तर दिया।
अधिकारी का धैर्य अब टूटने लगा था। उसने गुस्से में कहा, 'अगर कोई आम आदमी सेब खरीदने जाए तो 100 ग्राम का दाम क्या होगा?'
'साहब, आम आदमी को सेब खाने लायक सरकार ने छोड़ा ही नहीं है। वह तो नमक रोटी में परेशान है,' युवक ने कहा। 'आम आदमी तो बस सेब का ठेला लगाता है और खास आदमी ही सेब खाता है।'
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