अनार का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करता है, यह पेट को नरम बनाता है, मूत्रवर्धक है और हृदय के लिए फायदेमंद होता है। यह प्यास को बुझाता है और शरीर के हर अंग को पोषण प्रदान करता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अनारदाने में 78 प्रतिशत आद्रता, 14.5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 1.6 प्रतिशत प्रोटीन और 0.1 प्रतिशत वसा होती है। इसके अतिरिक्त, इसमें फास्फोरस, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आक्जैलिक अम्ल, तांबा, लोहा, गंधक, टेनिन, शर्करा और विटामिन्स भी शामिल हैं।
फल की छाल में 25 प्रतिशत, तने के गूदे में 25 प्रतिशत, पत्तियों में 11 प्रतिशत और जड़ की छाल में 28 प्रतिशत टैनिन पाया जाता है।
अनार विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होता है। अनारदाना का बारीक चूर्ण स्वादिष्ट, पाचन में सहायक और भूख बढ़ाने वाला होता है, जो मंदाग्नि, वायुगोला, अपच, अतिसार, गले के रोग, कमजोरी और खांसी में लाभकारी है।
अनार से बवासीर का उपचार अनार से कैसे करे बवासीर का इलाज
सावधानियाँ सावधान
सभी प्रकार के अनार शीत प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। मीठा अनार बुखार वाले लोगों के लिए, जबकि खट्टा और फीका अनार सर्द मिजाज वालों के लिए हानिकारक हो सकता है।
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