हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम जारी किए। 30 मई को घोषित परिणाम ने कई परीक्षार्थियों को खुशी दी, जबकि कुछ को निराशा का सामना करना पड़ा।
इस बार कुछ परीक्षार्थी गलतफहमी का शिकार हुए, और जब सच्चाई सामने आई, तो उनकी खुशी गायब हो गई। झारखंड के रामगढ़ जिले की दिव्या पांडेय का मामला इस संदर्भ में विशेष रूप से चर्चा में है।
जब UPSC 2021 परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो दिव्या ने दावा किया कि उन्हें ऑल इंडिया में 323वीं रैंक प्राप्त हुई है। वह रामगढ़ के चित्तरपुर ब्लॉक के रजरप्पा कॉलोनी में निवास करती हैं।
जैसे ही यह खबर फैली कि दिव्या ने परीक्षा पास कर ली है, उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। मिठाई बांटी गई और आस-पास के लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे।
दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं, और यहां तक कि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी, रजरप्पा के जीएम, और रामगढ़ की कमिश्नर ने भी दिव्या को बधाई दी।
हालांकि, जब सच्चाई सामने आई, तो खुशी का माहौल अचानक से चुप्पी में बदल गया। दरअसल, 323वीं रैंक झारखंड की दिव्या पांडेय को नहीं, बल्कि तमिलनाडु की दिव्या पी को मिली थी।

दिव्या पांडेय इस गलतफहमी का शिकार हो गईं। उनके परिवार ने परिणाम देखने की कोशिश की, लेकिन वेबसाइट काम नहीं कर रही थी। यदि उस समय परिणाम देख लिया जाता, तो शायद यह गलतफहमी नहीं होती।
परिवार ने मांगी माफी
इस बड़ी गलती के बाद, दिव्या पांडेय के परिवार ने जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से माफी मांगी है। दिव्या के पिता ने कहा कि इस गलती के कारण उन्हें समाज में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी इस तरह का मामला बुलंदशहर से सामने आया था।
You may also like
दिल्ली में नई सरकार के गठन की तैयारियां तेज, जल्द होगा सीएम का ऐलान ˠ
पहली बार अंतरिक्ष से मोबाइल कॉल होगा मुमकिन, ISRO अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च कर रचेगा इतिहास “ ˛
भारतीय एयरलाइंस की ट्रैवल एडवाइज़री, कई उड़ानें रद्द
आखिर सुबह-सुबह ही बांग क्यों देता है मुर्गा , जानें यहाँ ˠ
ऐसे समय महिलाएं न जाये तुलसी के पौधे के पास, वरना घिर जाएँगी संकट में