हाल के वर्षों में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखी गई है, और यह समस्या अब युवाओं को भी प्रभावित कर रही है। अस्वास्थ्यकर खानपान, धूम्रपान, तनाव, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोग हृदय रोगों के कारण अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या हार्ट अटैक के कारण होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मरीजों को 'गोल्डन ऑवर' यानी पहले एक घंटे के भीतर सही उपचार मिल जाए, तो हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
हार्ट अटैक का कारण
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त का प्रवाह अचानक रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है। यह रुकावट धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम के जमाव के कारण होती है। जब ये परतें कठोर हो जाती हैं, तो रक्त प्रवाह बाधित होता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और वे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण
WebMD के अनुसार, हार्ट अटैक से पहले कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जैसे सीने में दबाव या दर्द, जो कंधे, जबड़े या हाथों तक फैल सकता है। हेल्थलाइन के अनुसार, हार्ट अटैक के लक्षण एक महीने पहले से ही शरीर में दिखाई देने लगते हैं। आइए जानते हैं कि हार्ट अटैक आने से पहले हमारे शरीर में कौन-कौन से लक्षण प्रकट होते हैं।
सीने में दर्द या दबाव
दिल के दौरे का सबसे सामान्य संकेत सीने में तकलीफ है। यह दबाव, जकड़न या जलन के रूप में महसूस हो सकता है। कई लोग इसे हार्टबर्न समझ लेते हैं, लेकिन यह दर्द कंधे, गले, जबड़े और हाथों तक फैल सकता है। यह तब होता है जब दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिलता और धमनियां संकरी हो जाती हैं। इस लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बिना वजह थकान
यदि आप लगातार थकान महसूस कर रहे हैं और आराम करने पर भी कमजोरी नहीं जा रही है, तो यह दिल की समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिल रक्त को सही तरीके से पंप नहीं कर पाता, जिससे शरीर के अंगों और मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सांस फूलना
यदि हल्की गतिविधियों जैसे चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर भी सांस फूलने लगती है, तो यह दिल की समस्या का संकेत हो सकता है। जब दिल कमजोर होता है, तो फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। यदि ये लक्षण सीने में दबाव के साथ आते हैं, तो यह और भी गंभीर हो सकता है।
चक्कर आना
जब दिल की रक्त पंप करने की क्षमता कम हो जाती है, तो शरीर और मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इससे मरीज को बार-बार चक्कर आने, हल्कापन या बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अचानक उठने-बैठने या शरीर की स्थिति बदलने पर यह स्थिति और बढ़ सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
धड़कन का अनियमित होना
दिल की धड़कन का बहुत तेज, बहुत धीमा या अनियमित होना भी हार्ट अटैक से पहले का संकेत हो सकता है। कभी-कभी ये लक्षण केवल घबराहट के रूप में महसूस होते हैं, लेकिन वास्तव में यह दिल की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में गड़बड़ी का संकेत है। यदि धड़कन के साथ सीने में दर्द, चक्कर या बेचैनी हो, तो यह खतरे का संकेत है।
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