सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पादन करने से बिजली के बिल में कमी लाई जा सकती है, इसके लिए आवश्यक है कि सोलर सिस्टम को सही तरीके से स्थापित किया जाए। हाल के समय में सोलर पैनल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, क्योंकि ये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और इससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। सोलर सिस्टम में मुख्य उपकरणों में सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर और बैटरी शामिल हैं।
सोलर सिस्टम में इक्विपमेंट को कनेक्ट करना
सोलर पैनल को सोलर इन्वर्टर और बैटरी से जोड़ना आवश्यक है। ये पैनल उच्च दक्षता के साथ कार्य करते हैं और इनमें से कोई भी प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता, जिससे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है। सोलर सिस्टम को स्थापित करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है।
सोलर चार्ज कंट्रोलर कनेक्ट करना
सोलर सिस्टम में सोलर चार्ज कंट्रोलर का उपयोग असमान बिजली को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसमें बैटरी के टर्मिनल से तार को सीधे सोलर चार्ज कंट्रोलर और इन्वर्टर से जोड़ा जाता है। बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से आने वाले तार को इन्वर्टर के पॉजिटिव टर्मिनल से जोड़ें और नेगेटिव टर्मिनल को भी इसी तरह जोड़ें। आप इस प्रक्रिया में तकनीशियन की मदद ले सकते हैं।
सोलर इन्वर्टर कनेक्ट करें
सोलर इन्वर्टर को सोलर पैनल से जोड़ना सरल है। पहले, सोलर पैनल से आ रहे तार को सोलर चार्ज कंट्रोलर से जोड़ें, फिर सोलर चार्ज कंट्रोलर को इन्वर्टर से जोड़ें। सोलर इन्वर्टर के पॉजिटिव टर्मिनल को इन्वर्टर के पॉजिटिव टर्मिनल से और नेगेटिव टर्मिनल को नेगेटिव टर्मिनल से जोड़ें।
सोलर पैनलों को बैटरी और इन्वर्टर से कनेक्ट करना
सोलर बैटरी और इन्वर्टर को जोड़ने से पहले, दोनों की VOC जानकारी होना आवश्यक है। सामान्यतः 72 सेल वाले पैनल में 45 वोल्ट के 50 वोल्ट VOC होते हैं। PWM तकनीक वाले सोलर इन्वर्टर का उपयोग करने वाली सिंगल बैटरी की VOC सामान्यतः 25 वोल्ट तक होती है, जो 36 सेल के पैनल के लिए उपयुक्त है। 72 सेल के पैनल का उपयोग 90 वोल्ट तक के VOC में किया जा सकता है।
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