भारत में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो अब एक महामारी का रूप ले चुकी है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, 2025 के अंत तक 60% वयस्क मोटापे का शिकार हो सकते हैं। इस बढ़ती समस्या के चलते भारत में वजन कम करने वाली दवाओं का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। इसी क्रम में, अमेरिकी दवा कंपनी एलि लिली ने हाल ही में मौनजारो नामक दवा लॉन्च की है।
यह दवा एक इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है, जिसकी 2.5 मिलीग्राम वायल की कीमत 3,500 रुपये है। इस दवा के उपयोग पर हर महीने 14,000 से 17,500 रुपये का खर्च आ सकता है, जो डॉक्टर की सलाह के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। अब सवाल यह है कि यह दवा वजन कम करने में कैसे मदद करती है। इस पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी है।
मौनजारो इंजेक्शन का कार्यप्रणाली मौनजारो इंजेक्शन कैसे करेगा काम
आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरि के अनुसार, मौनजारो एक इंजेक्शन के रूप में मोटापा कम करने के लिए विकसित किया गया है। यह दवा टाइप-2 डायबिटीज के उपचार में भी प्रभावी है। इसे तिरजेपेटाइड के नाम से भी जाना जाता है। यह दवा शरीर के दो अलग-अलग रिसेप्टर्स पर कार्य करती है, जिससे भूख कम लगती है और पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है।
ओजेम्पिक और मुंजारो में अंतर ओजेम्पिक से क्या अलग है मुंजारो दवा
ओजेम्पिक और मुंजारो में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। ओजेम्पिक केवल जीएलपी-1 रिसेप्टर को लक्षित करता है, जबकि मुंजारो जीआईपी-1 और जीआईपी-2 दोनों रिसेप्टर्स को प्रभावित करता है। हालांकि, दोनों दवाएं भूख को कम करने में सहायक होती हैं और वजन घटाने में मदद करती हैं। दवा की डोज मरीज की स्थिति और मोटापे के स्तर पर निर्भर करती है।
डॉक्टर की सलाह का महत्व डॉक्टर की सलाह जरूरी
किसी भी प्रकार की मोटापा कम करने वाली दवा या इंजेक्शन का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। यह जरूरी है कि आप अपने वजन बढ़ने के कारणों को समझें और अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान दें। यदि वजन कम नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इन दवाओं का उपयोग करें।
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