मनोज जरांगे.
मराठा समुदाय के प्रमुख नेता मनोज जरांगे अब किसानों के मुद्दों के लिए भी आवाज उठा रहे हैं। बीड जिले के नारायण गढ़ में दशहरा सभा के दौरान उन्होंने मराठा समुदाय से आग्रह किया कि वे शासक और सभापति बनें। अपने भाषण में, जरांगे ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और भारी बारिश के कारण हुए नुकसान पर चर्चा की और कुछ महत्वपूर्ण मांगें रखीं। जरांगे ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे स्थानीय चुनावों को बाधित करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि वे गांवों में मतदान नहीं होने देंगे।
जरांगे की प्रमुख मांगेंमनोज जरांगे ने राज्य में हाल की भारी बारिश से प्रभावित किसानों की सहायता के लिए कई मांगें की हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खेत के लिए 70 हजार रुपये की सहायता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, नदी किनारे के खेतों के नुकसान के लिए 1 लाख 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता की मांग की।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 20 वर्षों में कई किसानों ने आत्महत्या की है, और उनके परिवारों को नौकरी देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने 10 घरों में खेती करने वालों को 10 हजार रुपये मासिक वेतन देने की मांग की।
चुनाव बहिष्कार की चेतावनीजरांगे ने स्पष्ट किया कि यदि किसानों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो जिला परिषद और नगर परिषद के चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि चुनाव की तारीख घोषित की गई, तो वे महाराष्ट्र में सभा नहीं होने देंगे।
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