पति और पत्नी के बीच विवाद होना एक सामान्य बात है। हालांकि, यदि ये झगड़े समय पर सुलझ जाएं तो बेहतर होता है। लंबे समय तक चलने वाले झगड़े रिश्तों में दरार डाल सकते हैं। कई बार, इन झगड़ों की वजहें छोटी होती हैं, लेकिन समझदारी से सुलझाने में असफल रहते हैं।
संत कबीरदास के सुझाव
आज हम संत कबीरदास के जीवन प्रबंधन के कुछ सुझाव साझा कर रहे हैं, जो आपके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।
शिष्य का सवाल: झगड़े का समाधान
एक दिन, संत कबीर प्रवचन के बाद एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला, 'मेरा अपनी पत्नी से रोज झगड़ा होता है। कृपया मुझे ऐसा उपाय बताएं जिससे मेरा वैवाहिक जीवन सुखी हो जाए।'
कबीरदास का उदाहरण
कबीरदास ने कुछ देर मौन रहने के बाद अपनी पत्नी से कहा, 'जाओ, लालटेन लेकर आओ।' यह सुनकर व्यक्ति हैरान हुआ, क्योंकि दिन में लालटेन की आवश्यकता नहीं थी।
कुछ समय बाद, कबीर ने अपनी पत्नी से मीठा खाने के लिए कहा, लेकिन उसने नमकीन लाकर दी। कबीर ने शिष्य से पूछा, 'क्या तुम्हें अब अपनी समस्या का हल मिला?' शिष्य ने कहा, 'मुझे कुछ समझ नहीं आया।'
आपसी तालमेल का महत्व
कबीरदास ने समझाया, 'जब मैंने अपनी पत्नी से लालटेन मंगवाई, उसने कोई सवाल नहीं किया। वह सोच रही थी कि यह किसी काम के लिए होगा। इसी तरह, जब उसने नमकीन दी, मैंने भी सवाल नहीं किया। यदि पति-पत्नी के बीच तालमेल सही हो, तो झगड़े नहीं होते। हमें एक-दूसरे की भावनाओं को समझना चाहिए।'
कबीर ने आगे कहा, 'यदि पति से गलती हो जाए, तो पत्नी उसे सुधार सकती है, और यदि पत्नी से गलती हो, तो पति उसे सुधार सकता है। यही सुखी और सफल जीवन का मंत्र है।' इस पर शिष्य ने समझा कि कबीर ने उसे यह सब समझाने के लिए किया था।
आपकी राय
कबीरदासजी की इन बातों से आप कितने सहमत हैं, हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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