अपने पूरे जीवन को खंगलों तो लगता है कि स्कूल के दिन सबसे बेस्ट होते थे। ये वह दिन थे जब हमे दुनियादारी की कोई टेंशन नहीं होती थी। हम अपनी लाइफ अच्छे से इन्जॉय करते थे। आज स्कूल की हर यादें हमे याद आती है। फिर वह दोस्तों के साथ मस्ती मजाक हो, टीचर का पढ़ाना हो या फिर कोई गलती करने पर टीचर का सजा देना हो। वैसे टीचर अधिकतर बच्चों को कान पकड़कर उठक-बैठक लगाने की सजा ही देते थे। आप में से कई लोगों को भी ये सजा जरूर मिली होगी। लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि आखिर बच्चों को यही पनिशमेंट क्यों दी जाती थी?
सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि इस कोरोना काल में आप ने कई पुलिसवालों को नियम तोड़ने पर नागरिकों को उठक बैठक लगवाते देखा होगा। इस तरह की सजा आज भी कई जगहों पर दी जाती है। ऐसे में क्या आप इस सजा को देने के पीछे की वजह जानते हैं? आप में से कई लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं होगा। आपको जान हैरानी होगी कि इस सजा के पीछे एक वैज्ञानिक करण भी छिपा हुआ है।
कान पकड़कर उठक बैठक का इस्तेमाल कई लोग प्रार्थना के समय भी करते हैं। दक्षिण भारत के मंदिरों में यह प्रथा काफी प्रचलित है। वहीं कुछ लोग कसरत और व्यायाम के दौरान उठक-बैठक करना पसंद करते हैं। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि उठक-बैठक करने से ध्यान केंद्रित करने में हेल्प मिलती है। ऐसा कर हमारी याद्दाश्त अच्छी रहती है। इसके अलावा नियमित रूप से उठक-बैठक करने से पेट के आसपास की चर्बी भी कम होती है। मतलब ये उठक-बैठक न सिर्फ आपका दिमाग शार्प करती है बल्कि आपकी तोंद को कम करने में भी मदद करती है।
आपको जान अचंभा होगा कि उठक बैठक के ऊपर ही कई वैज्ञानिक बहुत से अध्ययन कर चुके हैं। इनमें से एक रिसर्च की माने तो 1 मिनट तक कान पकड़कर उठक-बैठक लगाने से अल्फा वेव्स की एक्टिविटी बढ़ने लगती है। जब हम कान पकड़ते हैं तो लोब्स दबते हैं। इससे एक्यूप्रेशर का लाभ हमे मिलता है। इस एक्यूप्रेशर थ्योरी के अनुसार ब्रेन का दायां और बायां हिस्सा कान पकड़ने से एक्टिवेट हो जाता है। एक अन्य रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि पकड़कर उठक-बैठक लगाने से ब्रेन की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी में बढ़ोतरी होती है।
बस इतने सारे फ़ायदों को देखते हुए ही कई स्कूलों ने बच्चों को उठक बैठक लगाने की सजा देना शुरू कर दिया। देखते देखते सभी स्कूलों ने इतने अपना लिया। वैसे इस पनिशमेंट को देने का असल कारण शायद कई टीचरों को भी नहीं पता होगा। लेकिन अब आपको इसकी वजह पता है। तो अगली बार आप ये ज्ञान दूसरों को देकर इंप्रेस कर सकते हैं। और यदि टीचर या कोई और आपको उठक बैठक लगाने की सजा दे तो बुरा फिल करने की बजाय इसे फटाफट कर लें। इससे आपके शरीर को फायदा ही होगा।
अमेरिका के स्कूलों में तो वर्कशॉप में बच्चों को उठक-बैठक लगवाई जाती है। ऐसा कर वे इसमें बच्चों की रुचि बढ़ाते हैं। वहां इसे ‘सुपर ब्रेन योग’ के नाम से जाना जाता है।
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