बिहार की सियासत अब चुनावी मोड में पूरी तरह प्रवेश कर चुकी है। विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही चुनाव आयोग अधिसूचना जारी कर सकता है।
इसके साथ ही पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी और सियासी हलचल अपने चरम पर होगी।
चुनाव आयोग के सूत्र बताते हैं कि इस बार बिहार में मतदान दो से तीन चरणों में हो सकता है। लंबे समय से पांच-छह चरणों में होने वाले चुनावों के विपरीत, आयोग इस बार प्रक्रिया को कम चरणों में निपटाने पर विचार कर रहा है। नवंबर महीने में मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म होने वाला है।
बिहार में क्यों होंगे कम चरणों में चुनाव?
बिहार एक बड़ा और संवेदनशील राज्य है। पहले यहां पांच से छह चरणों में मतदान कराया जाता था। लेकिन सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स को ध्यान में रखते हुए आयोग इस बार दो से तीन चरणों में ही मतदान की योजना बना रहा है। पहले चरण में नक्सल प्रभावित और अति संवेदनशील इलाकों को कवर किया जाएगा, जबकि बाद के चरणों में शहरी और अपेक्षाकृत शांत इलाकों में वोटिंग होगी।
बिहार चुनाव 2025 को लेकर आयोग की तैयारी पूरी
निर्वाचन आयोग की टीम लगातार बिहार के जिलों का दौरा कर रही है। मतदाता सूची का अपडेट लगभग पूरा हो चुका है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का स्टॉकिंग कार्य आखिरी चरण में है। साथ ही कर्मचारियों की ट्रेनिंग का शेड्यूल तय कर दिया गया है। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रशासनिक और तकनीकी दोनों स्तरों पर तैयारी तेज है।
Bihar Chunav 2025: आचार संहिता के सख्त नियम
जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसका मतलब है कि सरकार कोई नई योजना की घोषणा नहीं कर पाएगी, अधिकारियों का तबादला रुक जाएगा और राजनीतिक दलों को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। आचार संहिता के उल्लंघन पर आयोग ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
पटना जिला प्रशासन की तैयारी
पटना के जिलाधिकारी-सह-निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने साफ कहा है कि “स्वच्छ, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय स्थायी समिति की बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि जैसे ही आयोग प्रेस नोट जारी करेगा, पूरे जिले में आचार संहिता लागू हो जाएगी और सभी अधिकारियों को निष्पक्ष रहकर काम करना होगा।
चुनाव को लेकर पटना में 563 सेक्टर पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। सामान्यत: 10 मतदान केंद्रों पर एक सेक्टर अधिकारी जिम्मेदारी निभाएंगे। इन सभी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये लगातार बूथों का दौरा कर रहे हैं और मतदाताओं को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
बिहार चुनाव में मतदाताओं के लिए क्या होंगे खास इंतजाम
डीएम ने बताया कि पटना जिले में कुल 5,665 मूल मतदान केंद्र बनाए गए हैं। हर बूथ पर न्यूनतम सुविधाएं-जैसे रैंप, शौचालय, शेड, फर्नीचर, बिजली और पानी-उपलब्ध कराए जाएंगे। दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों और नए मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा दी जाएगी। लगभग बिहार के हर जिले में ऐसे ही इंतजाम होंगे, मतदान केंद्रों की संख्या जनसंख्या के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है।
निगरानी और सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
आचार संहिता लागू होते ही निगरानी टीम सक्रिय हो जाएगी। 49 उड़नदस्ता, 183 स्थैतिक निगरानी दल, 42 वीडियो सर्विलांस और 42 वीडियो व्यूइंग टीम बनाई गई है। इनका मकसद चुनावी खर्च पर नजर रखना और मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को रोकना है। अवैध नकदी या शराब बांटने, धमकाने और वोटरों को लालच देने जैसे प्रयासों को सख्ती से कुचलने की तैयारी है।
उम्मीदवारों के नामांकन और खर्च की सीमा
इस बार भी उम्मीदवार अधिकतम दो सीटों से नामांकन कर सकेंगे। नामांकन शुल्क सामान्य उम्मीदवारों के लिए ₹10,000 और SC/ST उम्मीदवारों के लिए आधा तय किया गया है। नामांकन पत्र ऑनलाइन भरा जा सकता है, लेकिन हार्ड कॉपी जमा करना अनिवार्य होगा।
चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। सभी उम्मीदवारों को नामांकन से पहले बैंक खाता खोलना होगा और पूरा चुनावी खर्च उसी खाते से करना होगा।
बिहार चुनाव प्रचार पर सख्त नियम
- सरकारी गाड़ियों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- किसी भी धार्मिक स्थल पर चुनावी सभा नहीं होगी।
- जाति-धर्म के आधार पर वोट मांगना अपराध माना जाएगा।
- किसी व्यक्ति की निजी जिंदगी पर हमला करने की इजाजत नहीं होगी।
- पोस्टर-पैम्फलेट पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम अनिवार्य होगा।
- साथ ही सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में मोबाइल डिमॉन्सट्रेशन वैन के जरिए ईवीएम-वीवीपैट की जानकारी दी जा रही है।
अक्टूबर की शुरुआत में जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, पूरा बिहार चुनावी रंग में डूब जाएगा। दो से तीन चरणों में होने वाले इस चुनाव के नतीजे नवंबर में आएंगे। अब देखना होगा कि आयोग की कड़ी निगरानी और प्रशासन की तैयारियों के बीच बिहार की जनता किसे अपना जनादेश देती है।
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