Next Story
Newszop

MoRTH बदलने वाला है टूरिस्ट व्हीकल रूल्स, पर्यटकों को होगा बड़ा फायदा

Send Push

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऑल इंडिया टूरिस्ट व्हीकल (परमिट) रूल्स 2023 में बदलाव का प्रस्ताव रखा है. नए मसौदे के मुताबिक, कोई भी टूरिस्ट गाड़ी अपने होम स्टेट (जहां उसका पंजीकरण हुआ है) से बाहर 45 दिन से ज्यादा नहीं रह पाएगी. इसकी निगरानी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए की जाएगी. साथ ही, टूरिस्ट व्हीकल परमिट की वैधता 12 साल से बढ़ाकर 15 साल करने का भी सुझाव दिया गया है.

क्यों किया जा रहा बदलाव?

मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य परमिट के दुरुपयोग को रोकना, टोल टैक्स की पूरी वसूली सुनिश्चित करना और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना है.

नए नियमों की मुख्य बातें
  • गाड़ी को हर यात्रा की शुरुआत या अंत अपने होम स्टेट से करना होगा.
  • गाड़ियां 45 दिन से ज्यादा बाहर नहीं रह पाएंगी. इसकी निगरानी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर करेगा.
  • टूरिस्ट व्हीकल को स्टेज कैरिज (लोकल बस सेवा) की तरह चलाने पर रोक होगी. यानी लिस्ट में शामिल न किए गए यात्रियों को बिठाना या उतारना मना होगा.
  • हर गाड़ी में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य होगा.
  • ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 30 दिन से पुराने चालान लंबित न हों.
  • FASTag न होने की स्थिति में टोल बकाया चुकाना ज़रूरी होगा, तभी नया परमिट या रिन्यूअल मिलेगा.
परमिट आवेदन की नई प्रक्रिया

अब ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट का आवेदन उसी राज्य के ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को देना होगा, जहां गाड़ी रजिस्टर्ड है. इसके लिए आवेदक का पता, आधार/कंपनी आईडी/GSTIN, गाड़ी की फिटनेस, इंश्योरेंस और टैक्स की वैधता, सीटिंग और स्लीपर कैपेसिटी की जानकारी देनी होगी.

नागालैंड क्यों आया चर्चा में?

अधिकारी के मुताबिक, कई राज्यों में टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस काफी कम है. उदाहरण के लिए, नागालैंड में गाड़ी रजिस्ट्रेशन सस्ता होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट बसें पंजीकृत कराई जाती हैं, भले ही वे नागालैंड में चलती न हों. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 में नागालैंड ने 1.36 लाख राष्ट्रीय टूरिस्ट परमिट जारी किए, जो कि केरल (14,573), हिमाचल (36,704), तेलंगाना (44,044), मध्य प्रदेश (50,501), पंजाब (79,614) और कर्नाटक (95,549) से कहीं ज्यादा है. नागालैंड से ज्यादा परमिट केवल हरियाणा (2.93 लाख), राजस्थान (2.59 लाख), उत्तर प्रदेश (2.20 लाख) और महाराष्ट्र (1.65 लाख) ने जारी किए.

2017 में अरुणाचल प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी टूरिस्ट बसों का रजिस्ट्रेशन और परमिट रद्द कर दिया था, जो वहां चलती नहीं थीं. अब वहां सिर्फ 293 परमिट जारी हुए हैं.

सुझाव और आपत्तियां

ये ड्राफ्ट नियम 30 दिनों तक सुझावों और आपत्तियों के लिए खुले हैं. इच्छुक लोग अपने सुझाव सड़क परिवहन मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी (MVL), ट्रांसपोर्ट भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001 को भेज सकते हैं या फिर ईमेल कर सकते हैं

क्या होगा असर?

अगर ये नए नियम लागू हो जाते हैं, तो टूरिस्ट गाड़ियों के संचालन में अधिक पारदर्शिता, सुरक्षा और बेहतर नियंत्रण आएगा. साथ ही, राज्यों को होने वाले टैक्स नुकसान पर भी रोक लगेगी और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जवाबदेही और मजबूत होगी.

Loving Newspoint? Download the app now