New Delhi, 24 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Friday को भारत-तिब्बत सीमा Police (आईटीबीपी) को उसके 64वें स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि सभी आईटीबीपी हिमवीरों और उनके परिवारों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं. यह बल अद्वितीय साहस, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है.
Prime Minister ने कहा कि सबसे कठिन जलवायु और दुर्गम भूभागों में सेवा करते हुए, वे अटूट संकल्प के साथ राष्ट्र की रक्षा करते हैं. आपदा राहत और बचाव अभियानों के दौरान उनकी करुणा और तत्परता सेवा और मानवता की उत्कृष्ट परंपराओं को दर्शाती है.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपGovernor मनोज सिन्हा ने भी आईटीबीपी के उसके 64वें स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दीं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आईटीबीपी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं. कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में राष्ट्र की गरिमा की रक्षा करते हुए आईटीबीपी के हिमवीरों ने अपने साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण के गौरवशाली उदाहरण स्थापित किए हैं. देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को सलाम.”
वहीं, जम्मू-कश्मीर के उप-Governor मनोज सिन्हा ने भी आईटीबीपी के जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर सभी जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं. हमारी सीमाओं की रक्षा और राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपका अटूट साहस, समर्पण और निस्वार्थ सेवा वास्तव में सराहनीय है. कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि.”
बता दें कि भारत-तिब्बत सीमा Police (आईटीबीपी) की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी. यह बल India और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा करता है.
1962 के युद्ध के पहले सप्ताह में चार बटालियनों के साथ इस बल का गठन किया गया था, जिनका उद्देश्य खुफिया जानकारी एकत्र करना, पारंपरिक और गुरिल्ला युद्ध लड़ना और चीनी सीमा पर भारतीय संचार प्रणालियों को बेहतर बनाना था. इसका गठन सीआरपीएफ अधिनियम के तहत किया गया था. इसने India और Pakistan के बीच 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया था.
1978 में आईटीबीपी का पुनर्गठन किया गया, जिसमें 9 सर्विस बटालियनें, चार स्पेशलिस्ट बटालियनें और दो ट्रेनिंग सेंटर शामिल किए गए. आईटीबीपी के स्थापना अधिकारी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल नसीब सिंह थे, जो भारतीय सेना की 9 गोरखा रेजिमेंट की चौथी बटालियन के स्थापना अधिकारी भी थे.
आईटीबीपी ने 1982 के एशियाई खेलों के साथ-साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 7वें शिखर सम्मेलन और 1983 के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान भी सुरक्षा सेवाएं दीं.
–आईएएएस
एमएस/डीकेपी
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