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ओबीसी कोटे में घुसपैठ नहीं होने देंगे, जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे: छगन भुजबल

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Mumbai , 1 सितंबर . महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने Monday को Mumbai में ओबीसी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ओबीसी कोटे में किसी भी जाति को गैरकानूनी तरीके से शामिल नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “Supreme court और हाई कोर्ट के कई फैसले इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं. मराठा और कुणबी जातियां अलग-अलग हैं. ‘मराठा-कुणबी एक हैं’ कहना सामाजिक रूप से गलत है और कोर्ट के आदेशों के खिलाफ भी.”

भुजबल ने कहा कि Supreme court और पिछड़ा आयोग पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग में नहीं जोड़ा जा सकता.

भुजबल ने चेतावनी दी कि अगर ओबीसी के हक के साथ खिलवाड़ हुआ, तो वे भी आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.

उन्होंने कहा, “ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है, जिसमें अब सिर्फ 17 प्रतिशत ही बचा है, क्योंकि 374 जातियां पहले से ही इसमें शामिल हैं. ऐसे में अगर और जातियों को इसमें जोड़ा गया, तो यह सरासर अन्याय होगा.”

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कल कोई कहे कि मुझे दलितों में शामिल करो, तो क्या हम मान लेंगे? देश में कानून और संविधान है, फैसले उन्हीं के आधार पर होंगे.

भुजबल ने बताया कि उन्होंने Chief Minister और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से मुलाकात की और ओबीसी वर्ग के हितों को लेकर अपनी चिंता साझा की. उन्होंने कहा, “हमने साफ कह दिया कि किसी को क्या देना है वो सरकार जाने, लेकिन हमारे कोटे में किसी को गैरकानूनी तरीके से शामिल न किया जाए.”

मंत्री भुजबल ने स्पष्ट किया कि अगर कोई समुदाय ओबीसी में शामिल होना चाहता है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया और आयोग के जरिए ही आना होगा. किसी मंत्री या नेता को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है.

भुजबल ने कहा कि अगर मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे को छेड़े बिना आरक्षण मिल जाए, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन अगर ओबीसी के हक में कटौती की गई, तो लाखों लोग सड़कों पर उतर सकते हैं.

दूसरी ओर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मराठा कार्यकर्ता मनोज जारंगे पाटिल के आंदोलन में खाने की बर्बादी हो रही है. जमीन पर अनाज की बर्बादी वह लोग कर रहे हैं जो आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इसके साथ फल की बर्बादी हो रही है.

वीकेयू/डीएससी

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