मुंबई, 30 अप्रैल . भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने बुधवार को कहा कि बोर्ड डेरिवेटिव बाजार से संबंधित नियमों को बेहतर बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है, इसका उद्देश्य खुदरा निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि बाजार की गतिविधियां प्रभावित न हों.
पांडे ने स्पष्ट किया कि सेबी फ्यूचर्स एवं ऑप्शन बाजार पर शिकंजा कसने का प्रयास नहीं कर रहा है, बल्कि एक संतुलित दृष्टिकोण अपना रहा है.
एनडीटीवी प्रॉफिट से नियामक के हालिया प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य बाजार की संरचना में सुधार करना और छोटे निवेशकों के लिए अनावश्यक जोखिम को कम करना है.
पांडे ने कहा, “हम लगातार बाजार की समीक्षा कर रहे हैं और फीडबैक एकत्र कर रहे हैं और जहां आवश्यक होगा, हम एडजस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं.”
इससे पहले सेबी ने प्रस्तावित फ्यूचर्स एवं ऑप्शन सुधारों पर परामर्श पत्र जारी किया था.
पांडे ने बताया, नियामक को इस पर 800 से अधिक सार्वजनिक टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं.
इन टिप्पणियों की अब सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है और प्रस्तावित बदलावों पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा.
सेबी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्तावित उपायों में से कई को बोर्ड की बैठक में मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और उन्हें प्रशासनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से सीधे लागू किया जा सकता है.
इसका मतलब है कि एक बार अंतिम रूप दिए जाने के बाद नए बदलावों को जल्दी से लागू किया जा सकता है.
नए प्रस्तावित नियमों में इक्विटी डेरिवेटिव्स मार्केट में ओपन इंटरेस्ट (ओआई) की गणना करने के तरीके को बदलना शामिल है.
पिछले वर्ष, सेबी ने भी फ्यूचर्स एवं ऑप्शन सेगमेंट में उच्च कारोबारी वॉल्यूम पर चिंता जताई थी और एक रिपोर्ट जारी कर खुलासा किया था कि दस में से नौ खुदरा निवेशक डेरिवेटिव कारोबार में घाटा उठा रहे हैं.
–
एबीएस/
The post first appeared on .
You may also like
Aaj Ka Panchang, 28 May 2025: आज ज्येष्ठ शुक्ल द्वितीया तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
लौंग का पानी: स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अद्भुत लाभ
भारत में सस्ते दामों पर काजू खरीदने का अनोखा स्थान
शाहरुख खान ने भरा सबसे ज्यादा टैक्स, जानें अन्य सितारों की रैंकिंग
फैटी लिवर से बचने के लिए ताड़गोला के अद्भुत लाभ