Next Story
Newszop

अमेरिकी टैरिफ को लेकर सरकार की रणनीति, कृषि-डेयरी सेक्टर में समझौता नहीं

Send Push

New Delhi, 11 अगस्त . विदेश मामलों से जुड़ी एक अहम बैठक में विदेश सचिव और वाणिज्य सचिव ने संसदीय समिति को अमेरिका के साथ रिश्तों और चल रहे व्यापारिक वार्ताओं की जानकारी दी. बैठक में बताया गया कि अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को सरकार तीन अलग-अलग दृष्टिकोण से देख रही है.

सूत्रों ने बताया कि इसमें पहला दृष्टिकोण ऐसे टैरिफ हैं जो पूरी दुनिया पर समान रूप से लागू हैं और केवल भारत पर केंद्रित नहीं हैं. दूसरा, ऐसे सेक्टर जिनका उत्पादन अमेरिका अपने देश में बढ़ाना चाहता है, जैसे ऑटोमोबाइल, चमड़ा और टेक्सटाइल. तीसरा, रेवेन्यू बढ़ाने के उद्देश्य से लगाए गए टैरिफ, खासकर कृषि और तेल सेक्टर में.

सरकार ने स्पष्ट किया कि कृषि और डेयरी क्षेत्र में किसी तरह का समझौता नहीं होगा. टैरिफ के प्रभाव का लगातार आकलन किया जा रहा है और इस सिलसिले में सभी संबंधित पक्षों, विशेषकर निर्यातकों से संवाद जारी है. साथ ही, टैरिफ के असर को कम करने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर भी काम हो रहा है. यूरोपीय संघ (ईयू) सहित अन्य देशों के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं को जल्द अंतिम रूप देने और नए देशों के साथ समझौते करने पर विचार किया जा रहा है.

व्यापारिक मतभेदों के बावजूद अमेरिका और भारत के रिश्ते सामान्य से बेहतर स्तर पर हैं. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और क्वाड में पहलगाम हमलों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया, अमेरिका ने तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण किया और टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया.

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत-अमेरिका वार्ताओं में पाकिस्तान का मुद्दा चर्चा में नहीं आया और न ही उसका मौजूदा व्यापारिक मसलों से कोई संबंध है.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत ट्रैफिक लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच ट्रैफिक को लेकर ‘घमासान’ जारी है.

डीएससी/

Loving Newspoint? Download the app now