हनोई, 2 अक्टूबर . वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 140 लोग घायल हो गए. इस प्राकृतिक आपदा में 20 लोग लापता हो गए. करीब 8.78 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (करीब 3,156 करोड़ रुपए) का आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है.
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक तूफान से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. 8,200 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 27 लाख घरों की बिजली गुल हो गई, जबकि बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,000 से ज्यादा सड़कें ब्लॉक हो गईं.
स्थानीय अधिकारी बिजली और दूरसंचार बहाल करने और प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए नुकसान की रिपोर्ट बना रहे हैं.
इससे पहले, 30 सितंबर को, वियतनामी Prime Minister फाम मिन्ह चिन्ह ने स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था.
Prime Ministerने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति भी व्यक्त की.
उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं. क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें. उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने को कहा है.
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है. उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी.
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था. पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली. इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया.
–
वीकेयू/वीसी
You may also like
पंजाब-हरियाणा में विजयादशमी का उत्साह, जगह-जगह रावण दहन
राजस्थान: जयपुर के कई इलाकों में बारिश, शुक्रवार के लिए अलर्ट जारी
Chanakya Niti: पति को भिखारी से राजा` बना देती है ऐसी स्त्रियां, इनसे शादी कर चमक उठता है भाग्य
ब्रिटेन: यहूदी आबादी वाले इलाके में हमला, दो लोगों की मौत, अब तक क्या-क्या पता चला है
किसी के चेहरे की कॉपी करके आपत्तिजनक वीडियो बनाने का चलन, क्या इस क़ानून के ज़रिए किया जा सकता है बचाव