Bengaluru, 15 अक्टूबर . विधान परिषद में विपक्ष के नेता सी. नारायणस्वामी ने Bengaluru शहर में गड्ढों की समस्या पर टिप्पणी की. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली Government से सवाल किया कि Bengaluru में गड्ढे भरने के लिए जारी किए गए 750 करोड़ रुपए कहां गए.
Bengaluru स्थित भाजपा के राज्य कार्यालय जगन्नाथ भवन में बोलते हुए उन्होंने राज्य Government की आलोचना करते हुए कहा कि वह बाढ़, सूखे और गड्ढों से भरी सड़कों के मुद्दों का समाधान करने में विफल रही है.
उन्होंने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद कांग्रेस Government को कोई चिंता नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मैं, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, भाजपा एमएलसी सीटी रवि और कई अन्य नेता दो टीमों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में गए. हमारे दौरे के बाद ही Chief Minister ने हवाई जहाज से कुछ घोषणाएं की. लेकिन वे घोषणाएं लोगों तक कभी नहीं पहुंचीं.”
उन्होंने बताया कि कलबुर्गी, चिक्कोडी और विjaipurा क्षेत्रों में लोग कांग्रेस Government के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं.
उन्होंने कहा कि चिकबल्लापुर, चित्रदुर्ग, तुमकुरु और कोलार जैसे जिलों में सूखे की स्थिति है, लेकिन Government ने कोई चिंता नहीं दिखाई है.
उन्होंने कहा, “Government अब यह दावा करने लगी है कि अगर भाजपा ने ठीक से काम किया होता, तो सड़कों पर गड्ढे ही नहीं होते. हमें सत्ता से गए ढाई साल हो गए हैं, लेकिन अब भी कांग्रेस को लगता है कि सत्ता में हमारी ही Government है.”
उन्होंने सवाल किया, “कई उद्योगपतियों द्वारा Government को पत्र लिखने के बावजूद उन्होंने इसकी परवाह नहीं की. भाजपा के कार्यकाल में गड्ढे थे, लेकिन हमने उन्हें भर दिया. आज Government दावा करती है कि उसने गड्ढों की मरम्मत पर 750 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. अगर ऐसा है, तो पैसा कहां गया? किसकी जेब में गया? गड्ढे अब भी क्यों हैं?”
–
एकेएस/एबीएम
You may also like
दूसरे हफ्ते भी 'कंतारा चैप्टर 1' ने लहराया परचम, वर्ल्डवाइड कलेक्शन में 700 करोड़ क्लब के करीब फिल्म
नारायणगढ़ विधानसभा में पहला विजया सम्मेलन, भाजपा ने प्रदर्शित की एकजुटता
दीघा के झाउ वन से संदिग्ध अवस्था में मिला युवक का शव, इलाके में सनसनी
राजस्थान के बालोतरा में सड़क हादसा, चार दोस्तों की मौत
जैसलमेर हादसे से नहीं लिया सबक, निजी बसें बनी 'बारूद की ढेरी', सुरक्षा के मानकों की उड़ रही धज्जियां