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विजय कुमार : भारत का फौजी, जिसने ओलंपिक में रच दिया था इतिहास

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New Delhi, 18 अगस्त . भारतीय शूटर विजय कुमार 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच चुके हैं. Himachal Pradesh में जन्मे विजय कुमार ने भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुए एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी कई पदक जीते.

19 अगस्त 1985 को हमीरपुर में जन्मे विजय कुमार साल 2001 में एक सिपाही के तौर पर भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. इसके बाद साल 2003 में मध्य प्रदेश के महू में आर्मी मार्क्समैन यूनिट का हिस्सा बने, जहां शूटिंग के गुर सीखने शुरू किए.

विजय कुमार शानदार निशानेबाज रहे हैं. कोच उनकी काबिलियत को पहचान चुके थे. यहां से उन्हें तराशने का काम शुरू हो गया.

विजय कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2006 में दो गोल्ड मेडल जीते. इसी साल उन्होंने दोहा में खेले गए एशियन गेम्स में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

साल 2007 में एशियन चैंपियनशिप में विजय कुमार ने दो सिल्वर जीते. इसी साल आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सिल्वर अपने नाम किया.

इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में तीन गोल्ड के साथ एक सिल्वर देश के नाम किया. इसी साल उन्होंने एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा.

साल 2011 में विजय कुमार ने एक बार फिर आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में देश के लिए सिल्वर जीता.

साल 2012 विजय कुमार के लिए बेहद खास रहा. उन्होंने लंदन ओलंपिक के 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल पर निशाना साधा.

विजय कुमार ओलंपिक गेम्स में भारत को पिस्टल शूटिंग में मेडल दिलाने वाले पहले शूटर थे. उनसे पहले 2004 ओलंपिक गेम्स में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डबल ट्रैप में सिल्वर, जबकि 2008 ओलंपिक गेम्स में अभिनव ब्रिंदा ने देश को राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल दिलाया था.

साल 2012 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता. साल 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में विजय ने टीम के साथ सिल्वर जीता.

शानदार निशानेबाजी के चलते विजय कुमार को पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड, अर्जुन अवॉर्ड के अलावा सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है.

आरएसजी/एबीएम

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