रांची, 4 मई . झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची में 6 मई को कांग्रेस की ओर से आयोजित की जाने वाली ‘संविधान बचाओ रैली’ को प्रहसन करार दिया है.
उन्होंने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ झारखंड सरकार के मंत्री शरीयत को संविधान के ऊपर बताते हैं, तो दूसरी तरफ उनका सहयोग और समर्थन करने वाली कांग्रेस यहां ‘संविधान बचाओ रैली’ का नाटक कर रही है.
उन्होंने कहा कि रैली में भाग लेने आ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संविधान के अपमान के लिए झारखंड और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
मरांडी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान की मर्यादाओं और लोकतंत्र पर जितने प्रहार किए हैं, वो देश के इतिहास में काले पन्ने के रूप में दर्ज हैं. देश कभी नहीं भूल सकता कि इस पार्टी ने संविधान की मूल भावना तक को बदल दिया. देश पर अपने 60 वर्षों के शासन में इस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 79 बार संविधान में संशोधन किए, जिनमें अधिकतर का उद्देश्य केवल तुष्टीकरण और सत्ता का संरक्षण करना रहा. इस पार्टी ने संविधान को तुष्टीकरण का घोषणापत्र बना दिया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पंडित नेहरू के काल में संविधान में जो पहला संशोधन किया गया, उसके जरिए अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार किया गया था. उन्होंने अनुच्छेद 19(1)(ए) में कटौती की और प्रेस की आजादी को सीमित किया.
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने गैर-कांग्रेसी सरकारों को अपदस्थ करने के लिए धारा 356 के दुरुपयोग का रिकॉर्ड बनाया.
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 42वें संविधान संशोधन के जरिए न्यायपालिका, संसद और मूल अधिकारों को कमजोर करने की जो साजिश की थी, उसे देश के लोग कभी भूल नहीं सकते. कांग्रेस सरकार ने संविधान में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘राष्ट्रीय अखंडता’ जैसे शब्द बिना आम सहमति या जनमत के शामिल किया और इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रेरित माना गया. मुस्लिम वोट बैंक को साधने के प्रयास में संविधान के सार को ही बदल दिया गया. आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन माना जाता है और यह कलंक भी कांग्रेस के नाम पर ही दर्ज है.
झारखंड में कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन सरकार पर संविधान विरोधी आचरण का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इनके नेता न सिर्फ शरीयत को संविधान से ऊपर बताते हैं, बल्कि वक्फ संशोधन कानून पर हो रहे हिंसक विरोध का कांग्रेस समर्थन कर रही है.
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एसएनसी/एबीएम
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