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चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता भाजपा की स्क्रिप्ट थी: प्रियंका चतुर्वेदी

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New Delhi, 18 अगस्त . शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने Monday को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोरदार पलटवार करते हुए पूरी वार्ता को स्क्रिप्टेड इवेंट करार दिया.

से बातचीत में उन्होंने आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आयोग की प्रेस वार्ता में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे सिर्फ भाजपा की ओर से दिए गए स्क्रिप्ट को पढ़ रहे थे, क्योंकि इंडिया ब्लॉक ने जो सवाल उठाए, उनके जवाब नहीं मिले हैं. आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के सवालों, जैसे डुप्लीकेट वोटर्स और मल्टीपल आईडी जैसे मुद्दों के कोई ठोस जवाब नहीं दिए गए.

चतुर्वेदी ने दावा किया कि आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और भाजपा इसे विपक्ष पर हमला करने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने इसे एक स्क्रिप्टेड इवेंट बताया, जो भाजपा कार्यालय से तैयार किया गया प्रतीत होता है.

उन्होंने सवाल उठाया कि जब आयोग आधार कार्ड को वोटर कार्ड से जोड़ने के लिए तैयार था, तब प्राइवेसी का हनन नहीं माना गया, लेकिन अब सीसीटीवी फुटेज का हवाला देकर प्राइवेसी का मुद्दा उठाया जा रहा है. चुनाव आयोग संविधान को कमजोर करने में शामिल है और उसकी कार्रवाइयां, जैसे कि बिहार में एसआईआर का उपयोग संभवत भाजपा के इशारे पर तैयार किया गया है.

राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों और चुनाव आयोग द्वारा उनसे शपथ पत्र या माफी मांगने की मांग पर कहा कि माफी तो चुनाव आयोग को देश से मांगनी चाहिए, क्योंकि जनता का विश्वास आयोग ने खो दिया है. आयोग भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ रहा है, और यह हास्यास्पद है कि आयोग यह सत्यापित करने में विफल रहा कि वोटर सही हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कोई शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आयोग को जनता के खोए विश्वास के लिए माफी मांगनी चाहिए.

एनडीए द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि Sunday को उनके नाम की घोषणा हुई. वह महाराष्ट्र से हैं और पिछले एक साल से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. उनका कोई विवाद नहीं रहा है. वह झारखंड के राज्यपाल और सांसद भी रह चुके हैं. वह भाजपा और उसके संगठन से जुड़े रहे हैं. उनसे उम्मीद है कि अगर वह उपराष्ट्रपति बनते हैं तो पद की गरिमा बनाए रखेंगे. जहां तक इंडिया ब्लॉक का सवाल है, यह फैसला सभी नेतृत्व मिलकर लेंगे कि आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा किया जाए या उसे समर्थन दिया जाए.

डीकेएम/एएस

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