नई दिल्ली, 12 मई . भारत में छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट का पूंजीगत व्यय पिछले तीन वित्त वर्षों की तुलना में वित्त वर्ष 2026-2028 में औसतन 50-60 प्रतिशत बढ़ेगा. यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई.
भारत में छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट का पूंजीगत व्यय आगामी प्राइवेट एयरपोर्ट के कुल पूंजीगत व्यय का लगभग आधा है.
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, टर्मिनल यूटिलाइजेशन लेवल में पर्याप्त वृद्धि के कारण क्षमता विस्तार से यह वृद्धि होगी.
दूसरी ओर, बड़े प्राइवेट एयरपोर्ट के पूंजीगत व्यय में इस अवधि के दौरान गिरावट देखी जाएगी, जो आगामी प्राइवेट एयरपोर्ट के बाकी कुल पूंजीगत व्यय का लगभग आधा है. यह गिरावट क्षमता विस्तार के अधिकांश भाग के पूरा होने की वजह से देखी जाएगी.
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक अंकित हकू ने कहा, “वित्त वर्ष 2028 तक छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट अपने मौजूदा आधार से 1.5 गुना तक का महत्वपूर्ण विस्तार कर सकते हैं. यह वृद्धि बढ़ती यात्रा मांग की वजह से देखी जा सकती है. मजबूत मांग की वजह से हवाई यातायात की आवाजाही में सुधार हुआ है. छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट पर यात्री यातायात में वित्त वर्ष 2022 और 2025 के बीच 45 प्रतिशत की शानदार सीएजीआर वृद्धि देखी गई.”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, इन एयरपोर्ट पर क्षमता वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रही है, जो कि इस अवधि में 20 प्रतिशत की मामूली सीएजीआर के साथ दिखी. परिणामस्वरूप टर्मिनल यूटिलाइजेशन लेवल 60 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है और अतिरिक्त क्षमता बनाने की जरूरत बढ़ गई.”
रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके अतिरिक्त, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट इस वित्त वर्ष में अपना परिचालन शुरू करने वाले हैं, जिसके लिए आगे न्यूनतम पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी.
उनके रणनीतिक स्थान टियर 1 शहरों में या उसके आसपास ऑफटेक जोखिम को कम करते हैं, जिससे यात्री और कार्गो वॉल्यूम में सुचारू रूप से वृद्धि होती है.
मध्यम अवधि में, अधिकांश पूंजीगत व्यय क्षमता विस्तार के बजाय रखरखाव जैसे उपकरणों की मरम्मत, सुविधाओं को बेहतर करने और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए आवंटित किया जाएगा.
क्रिसिल रेटिंग्स की टीम लीडर गौरी गुप्ता ने कहा, “छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट के लिए पूंजीगत व्यय तीव्रता दोगुना से अधिक हो जाएगी, परियोजना जोखिम प्रबंधनीय होगा, क्योंकि ये अपने संबंधित शहरों में मौजूदा एकमात्र हवाई अड्डों का विस्तार हैं. इसके अलावा बड़े प्राइवेट एयरपोर्ट के संचालन में उनके स्पॉन्सर्स की विशेषज्ञता और उनकी मजबूत फंड-रेजिंग की क्षमता भी कुछ जोखिमों को कम करती है.”
मध्यम परियोजना जोखिम और स्वस्थ नकदी प्रवाह के साथ, प्राइवेट एयरपोर्ट की क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल स्थिर रहेगी.
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एसकेटी/एबीएम
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