संदीप तिवारी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भारत शौर्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। इसके चलते राजधानी की सड़कों पर यातायात पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। इस यात्रा का आयोजन देशभक्ति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देने के उद्देश्य से किया गया, लेकिन इसके चलते शहरवासियों को पूरे दिन भारी जाम और असुविधा का सामना करना पड़ा। इससे पहले यातायात विभाग ने तिरंगा यात्रा के मद्देनज़र प्रशासन ने कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक प्रतिबंध और डायवर्जन लागू किए थे। कई जगह बनी जाम की स्थिति डिगडिगा, ताज होटल अंडरपास, समतामूलक चौराहा, 1090 चौराहा, हजरतगंज, सिकंदरबाग, डालीगंज, एसएन ब्रिज, लालबत्ती चौराहा, गोमतीनगर, पेपर मिल तिराहा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में या तो ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ दिया गया। हालांकि, प्रशासन द्वारा पहले ही डायवर्जन की जानकारी जारी कर दी गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो सका। अधिकांश लोग या तो इन डायवर्जनों से अनभिज्ञ थे या उन्हें वैकल्पिक मार्गों की स्पष्ट जानकारी नहीं थी, जिससे कई जगह जाम की स्थिति बन गई। सोशल मीडिया पर दिखा लोगों का गुस्साबैराज रोड, आरआर बंधा, रॉयल होटल मार्ग, सिसेंडी रोड और पेपर मिल तिराहा जैसे वैकल्पिक रूटों पर भी भारी वाहनों और निजी गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, स्कूल बसें, जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहन कई स्थानों पर घंटों फंसे रहें। वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्से का इजहार किया। कई लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय आयोजनों के नाम पर आम जनता की आवाजाही में इस तरह की बाधा अनुचित है। कुछ ने प्रशासन से यह भी पूछा कि क्या किसी कार्यक्रम की सफलता के लिए शहर को ठप कर देना ही एकमात्र रास्ता है? 20 मिनट का रास्ता 2 घंटे में किया पार- राहगीर राहगीर रवि ने बताया कि सुबह हालात ऐसे थे कि सामान्यतः 15–20 मिनट में तय होने वाला रास्ता 1 से 2 घंटे में पार किया। यातायात पुलिस की तैनाती कम होने और सूचना के अभाव में जगह-जगह अफरा-तफरी जैसी स्थिति देखने को मिली। लोगों का कहना है कि इस तरह के बड़े आयोजनों के लिए पहले से अधिक सुव्यवस्थित ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, तकनीकी मदद (जैसे गूगल मैप अपडेट), और जन-संपर्क की ज़रूरत है, ताकि लोगों को असुविधा से बचाया जा सके। कुल मिलाकर, भले ही यह यात्रा एक प्रेरणादायक उद्देश्य के साथ निकाली गई हो, लेकिन इससे पैदा हुई ट्रैफिक अव्यवस्था और आम जनता की परेशानी ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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