पिछले पांच सालों में भारतीय ऑटोबाइल इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले हैचबैक यानी कि छोटी कारों की खूब बिक्री होती थी, लेकिन अब इनकी सेल्स लगातार कम हो गई है। वहीं, इनके उलट SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) अब खूब डिमांड में हैं और लोगों की पहली पसंद बन गई हैं। ज्यादातर लोग अपनी बड़ी गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि कार कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए ढेर सारी खूबियों वाली नई SUV लॉन्च कर रही हैं। यह बदलाव दिखाता है कि भारत के लोग धीरे-धीरे प्रीमियम, महंगी और ज्यादा फीचर्स वाली कारों की तरफ बढ़ रहे हैं, जिनमें बेहतर आराम और सुविधाएं मिलती हैं।
SUV का बढ़ता दबदबा और हैचबैक की गिरती बिक्रीएसओआईसी रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों से हैचबैक कारें लगातार मार्केट में अपनी पकड़ खो रही हैं। इसके उलट SUV सबसे पसंदीदा विकल्प बनकर उभरी हैं। अब देश में बिकने वाली कुल यात्री वाहनों में से लगभग आधी कारें SUV होती हैं।
प्रीमियम कारों की बढ़ती डिमांड वित्त वर्ष 2018-19 और 2023-24 के बीच के आंकड़े साफ बताते हैं कि हैचबैक की बिक्री गिर रही है और एंट्री-लेवल और प्रीमियम SUV की बिक्री बढ़ रही है। यह दर्शाता है कि भारतीय ऑटो इंडस्ट्री प्रीमियम सेगमेंट की ओर बढ़ रही है। महिंद्रा समूह के एमडी और सीईओ डॉ. अनीश शाह ने कहा है कि उनकी कंपनी ने अब सेडान, हैचबैक और छोटी SUV नहीं बनाने का फैसला किया है। टाटा मोटर्स के एमडी शैलेश चंद्र ने भी यही बात दोहराई, "खासकर SUV सेगमेंट में हम इंडस्ट्री के औसत से तेज ग्रोथ देख रहे हैं... यह ग्रोथ पहली बार कार खरीदने वालों और पुरानी कार से अपग्रेड करने वाले, दोनों तरह के ग्राहकों से आ रही है।"
आंकड़ों से समझें बड़ा अंतर2024 के आंकड़ों के मुताबिक SUV की बिक्री में साल-दर-साल 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि हैचबैक कारों की बिक्री में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यात्री वाहनों की कुल बिक्री में अब SUV की बाजार में हिस्सेदारी 52 प्रतिशत की है, वहीं हैचबैक केवल 26 प्रतिशत पर सिमट गई है, जो पिछले लगभग बीस सालों में उसका सबसे कमजोर प्रदर्शन है।
बदल रही ग्राहकों की पसंद?ग्राहकों की पसंद में एक स्पष्ट बदलाव देखा जा सकता है। लोग अब छोटी के बजाए बड़ी और ज्यादा फीचर लोडेड गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। अब लोग कॉम्पैक्ट साइज की जगह कंफर्ट, लग्जरी और ज्यादा स्पेस को प्राथमिकता दे रहे हैं। साथ ही लोग अब ICE (पेट्रोल/डीजल) गाड़ियों के बजाए सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे की बड़ी वजह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाना है।
SUV का बढ़ता दबदबा और हैचबैक की गिरती बिक्रीएसओआईसी रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों से हैचबैक कारें लगातार मार्केट में अपनी पकड़ खो रही हैं। इसके उलट SUV सबसे पसंदीदा विकल्प बनकर उभरी हैं। अब देश में बिकने वाली कुल यात्री वाहनों में से लगभग आधी कारें SUV होती हैं।
प्रीमियम कारों की बढ़ती डिमांड वित्त वर्ष 2018-19 और 2023-24 के बीच के आंकड़े साफ बताते हैं कि हैचबैक की बिक्री गिर रही है और एंट्री-लेवल और प्रीमियम SUV की बिक्री बढ़ रही है। यह दर्शाता है कि भारतीय ऑटो इंडस्ट्री प्रीमियम सेगमेंट की ओर बढ़ रही है। महिंद्रा समूह के एमडी और सीईओ डॉ. अनीश शाह ने कहा है कि उनकी कंपनी ने अब सेडान, हैचबैक और छोटी SUV नहीं बनाने का फैसला किया है। टाटा मोटर्स के एमडी शैलेश चंद्र ने भी यही बात दोहराई, "खासकर SUV सेगमेंट में हम इंडस्ट्री के औसत से तेज ग्रोथ देख रहे हैं... यह ग्रोथ पहली बार कार खरीदने वालों और पुरानी कार से अपग्रेड करने वाले, दोनों तरह के ग्राहकों से आ रही है।"
आंकड़ों से समझें बड़ा अंतर2024 के आंकड़ों के मुताबिक SUV की बिक्री में साल-दर-साल 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि हैचबैक कारों की बिक्री में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यात्री वाहनों की कुल बिक्री में अब SUV की बाजार में हिस्सेदारी 52 प्रतिशत की है, वहीं हैचबैक केवल 26 प्रतिशत पर सिमट गई है, जो पिछले लगभग बीस सालों में उसका सबसे कमजोर प्रदर्शन है।
बदल रही ग्राहकों की पसंद?ग्राहकों की पसंद में एक स्पष्ट बदलाव देखा जा सकता है। लोग अब छोटी के बजाए बड़ी और ज्यादा फीचर लोडेड गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। अब लोग कॉम्पैक्ट साइज की जगह कंफर्ट, लग्जरी और ज्यादा स्पेस को प्राथमिकता दे रहे हैं। साथ ही लोग अब ICE (पेट्रोल/डीजल) गाड़ियों के बजाए सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे की बड़ी वजह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाना है।
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