AI अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन के रोडमैप को लेकर नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 2031 तक टेक सर्विस इंडस्ट्री में देश में 40 लाख अतिरिक्त यानी नई जॉब्स के अवसर हैं। 'नेशनल AI टैलेंट मिशन' शुरू कर भारत को विश्व की एआई वर्कफोर्स कैपिटल बनाने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। इसके लिए सभी मंत्रालय, विभाग मिलकर काम करेंगे। स्कूल- कॉलेजों से लेकर यूनिवर्सिटीज में करिकुलम को अमेरिकी शिक्षण संस्थानों की तरह जल्द रिवाइज किया जाएगा।
एआई के दौर में चुनौतियां हैं तो वहीं अवसर भी हैं। बस नई तकनीक के दौर में बदलते जॉब प्रोफाइल और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए वर्कफोर्स तैयार की जाए। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव विनीत जोशी और स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने यह रिपोर्ट जारी की।
सही अप्रोच बढ़ाएगी जॉब्सकम्प्यूटर, वेब को डेटा बैकबोन के रूप में एआई को वास्तविकता बना दिया है। भारत का आईटी और बीपीओ सेक्टर 250 अरब डॉलर का है, जो करीब 75 लाख लोगों को (2023 तक) रोजगार देता है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एआई की चुनौती है, अगर सही अप्रोच और बेहतर समन्वय के साथ आगे बढ़ा जाए तो 40 लाख अतिरिक्त रोजगार पैदा हो सकते हैं। यह 60 लाख तक भी हो सकता है।
वहीं, आईटी सेक्टर में कस्टमर सर्विसेज में 2023 में वर्कफोर्स 25 लाख है, जो अगले पांच वर्षों में 31 लाख भी हो सकती है और घटकर 18 लाख तक भी रह सकती है। अगर भारत रणनीतिक रूप से कार्य करता है, तो आईटी टेक सेक्टर में जॉब भी बढ़ेंगी और भारत को विश्व का एआई टेलेंट हब (AI Talent Hub) बनाने की स्थिति भी बनेगी।
AI रेडी वर्कफोर्स का निर्माण करने के लिए सरकार, अकादमिक क्षेत्र और उद्योग को एकजुट होकर काम करना होगा। यह रोडमैप दोहरे उद्देश्य को पाने के लिए बनाया गया है। एडवांस एआई सिस्टम तैयार करने के लिए टैलेंट को तैयार करना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस तकनीक की ट्रेनिंग देना जरूरी है। नीति आयोग ने एकीकृत 'इंडिया एआई टैलेंट मिशन' का प्रस्ताव दिया है। आप अभी से एआई सीखने की शुरुआत कर सकते हैं NBT Upskill AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप के साथ।
भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का कामउच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी ने कहा कि इस रिपोर्ट के दो स्पष्ट संदेश हैं कि बदलती जा रही तकनीक के इस दौर में बहुत तेज गति से काम करना होगा ताकि भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके। एक संदेश यह है कि एआई के दौर में अलग-अलग तरह के रोल परिभाषित किए गए हैं और उन सभी रोल्स के लिए वर्कफोर्स को तैयार करना होगा। अवसरों की कमी नहीं होगी, अगर उस क्षेत्र में विशेषज्ञों को तैयार किया जा सके।
एआई टैलेंट मिशन पर हर विभाग में चर्चा होगी, क्योंकि हर जगह इस दिशा में काम किया जा सकता है। सरकार, नौकरियों और स्किल्स के लिए भी एआई के रोडमैप में महत्वपूर्ण सुझाव हैं। एआई के इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा नौकरियां और नए तरह की नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, लेकिन इसके लिए हमें सही स्किल की जरूरत है।
यह मिशन एआई, ब्लॉकचेन, इमर्सिव लर्निंग और अन्य फ्रंटियर तकनीकों का इस्तेमाल वित्तीय असुरक्षा, सीमित बाजार पहुंच, कौशल में कमी और सामाजिक सुरक्षा की कमी जैसी बाधाओं को दूर करेगा।
नई तकनीक से भारत ने हमेशा तरक्की ही कीशिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि किसी भी नई तकनीक के आने पर चुनौतियां तो होती ही हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर यह देखा जाता रहा है कि किसी भी नई टेक्नोलॉजी के आने के बाद भारत ने बेहतर ही किया है। 90 के दशक में जब कंप्यूटर, इंटरनेट का दौर शुरू हुआ तब भी तमाम तरह की आशंकाएं जताई गईं, लेकिन भारत के टेक सेक्टर ने पूरी दुनिया में परचम लहराया है।
उन्होंने कहा कि एआई के आने के बाद हम सिर्फ जॉब क्रिएशन और जॉब लॉस के बारे में ही नहीं सोच सकते। बल्कि जरूरी है कि जितना जल्दी हो सके, इस नई तकनीक को अपनाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो। जब सही जॉब के लिए सही व्यक्ति तैयार होगा तो देश में जॉब्स भी बढ़ेंगी और दुनिया में भी भारतीयों के लिए अवसरों की कमी नहीं रहेगी।
एआई के दौर में चुनौतियां हैं तो वहीं अवसर भी हैं। बस नई तकनीक के दौर में बदलते जॉब प्रोफाइल और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए वर्कफोर्स तैयार की जाए। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव विनीत जोशी और स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने यह रिपोर्ट जारी की।
सही अप्रोच बढ़ाएगी जॉब्सकम्प्यूटर, वेब को डेटा बैकबोन के रूप में एआई को वास्तविकता बना दिया है। भारत का आईटी और बीपीओ सेक्टर 250 अरब डॉलर का है, जो करीब 75 लाख लोगों को (2023 तक) रोजगार देता है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एआई की चुनौती है, अगर सही अप्रोच और बेहतर समन्वय के साथ आगे बढ़ा जाए तो 40 लाख अतिरिक्त रोजगार पैदा हो सकते हैं। यह 60 लाख तक भी हो सकता है।
वहीं, आईटी सेक्टर में कस्टमर सर्विसेज में 2023 में वर्कफोर्स 25 लाख है, जो अगले पांच वर्षों में 31 लाख भी हो सकती है और घटकर 18 लाख तक भी रह सकती है। अगर भारत रणनीतिक रूप से कार्य करता है, तो आईटी टेक सेक्टर में जॉब भी बढ़ेंगी और भारत को विश्व का एआई टेलेंट हब (AI Talent Hub) बनाने की स्थिति भी बनेगी।
AI रेडी वर्कफोर्स का निर्माण करने के लिए सरकार, अकादमिक क्षेत्र और उद्योग को एकजुट होकर काम करना होगा। यह रोडमैप दोहरे उद्देश्य को पाने के लिए बनाया गया है। एडवांस एआई सिस्टम तैयार करने के लिए टैलेंट को तैयार करना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस तकनीक की ट्रेनिंग देना जरूरी है। नीति आयोग ने एकीकृत 'इंडिया एआई टैलेंट मिशन' का प्रस्ताव दिया है। आप अभी से एआई सीखने की शुरुआत कर सकते हैं NBT Upskill AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप के साथ।
भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का कामउच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी ने कहा कि इस रिपोर्ट के दो स्पष्ट संदेश हैं कि बदलती जा रही तकनीक के इस दौर में बहुत तेज गति से काम करना होगा ताकि भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके। एक संदेश यह है कि एआई के दौर में अलग-अलग तरह के रोल परिभाषित किए गए हैं और उन सभी रोल्स के लिए वर्कफोर्स को तैयार करना होगा। अवसरों की कमी नहीं होगी, अगर उस क्षेत्र में विशेषज्ञों को तैयार किया जा सके।
एआई टैलेंट मिशन पर हर विभाग में चर्चा होगी, क्योंकि हर जगह इस दिशा में काम किया जा सकता है। सरकार, नौकरियों और स्किल्स के लिए भी एआई के रोडमैप में महत्वपूर्ण सुझाव हैं। एआई के इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा नौकरियां और नए तरह की नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, लेकिन इसके लिए हमें सही स्किल की जरूरत है।
यह मिशन एआई, ब्लॉकचेन, इमर्सिव लर्निंग और अन्य फ्रंटियर तकनीकों का इस्तेमाल वित्तीय असुरक्षा, सीमित बाजार पहुंच, कौशल में कमी और सामाजिक सुरक्षा की कमी जैसी बाधाओं को दूर करेगा।
नई तकनीक से भारत ने हमेशा तरक्की ही कीशिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि किसी भी नई तकनीक के आने पर चुनौतियां तो होती ही हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर यह देखा जाता रहा है कि किसी भी नई टेक्नोलॉजी के आने के बाद भारत ने बेहतर ही किया है। 90 के दशक में जब कंप्यूटर, इंटरनेट का दौर शुरू हुआ तब भी तमाम तरह की आशंकाएं जताई गईं, लेकिन भारत के टेक सेक्टर ने पूरी दुनिया में परचम लहराया है।
उन्होंने कहा कि एआई के आने के बाद हम सिर्फ जॉब क्रिएशन और जॉब लॉस के बारे में ही नहीं सोच सकते। बल्कि जरूरी है कि जितना जल्दी हो सके, इस नई तकनीक को अपनाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो। जब सही जॉब के लिए सही व्यक्ति तैयार होगा तो देश में जॉब्स भी बढ़ेंगी और दुनिया में भी भारतीयों के लिए अवसरों की कमी नहीं रहेगी।
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