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तुम व्योम छूने के लिए बनी हो... कभी टीचर ने डायरी पर लिखा नोट, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पूरा किया सपना

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की तंग गलियों से लेकर नीले आसमान की अनंत ऊंचाइयों तक, व्योमिका सिंह की कहानी किसी सुपरहीरो की तरह है। एक ऐसी लड़की, जिसका नाम ही 'व्यों' यानी हवा से बना, और जिसने हवाओं को अपना रास्ता बनाकर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। कभी उनकी टीचर ने लिखा था- 'तुम व्योम को छूने के लिए बनी हो।' यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक भविष्यवाणी साबित हुई। आज, विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की शान हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की कहानी देश के सामने रखकर इतिहास रचा। स्कूल का वो आखिरी दिन जब एक लाइन ने बदली तकदीरबात उन दिनों की है जब दिल्ली के सेंट एंथनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक स्टूडेंट व्योमिका अपनी ऑटोग्राफ बुक लिए स्टाफ रूम के बाहर कतार में थी। ये स्कूल का आखिरी दिन था, और हर स्टूडेंट अपने टीचर्स से कुछ यादगार शब्द चाहता था। जब व्योमिका की बारी आई, उनकी हिंदी टीचर नीलम वासन ने उनकी बुक में लिखा: 'व्योम को छूने के लिए बनी हो।'नीलम मैम को क्या पता था कि ये लाइन सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि व्योमिका की जिंदगी का नक्शा बन जाएगी। आज, वही व्योमिका इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर हैं, जो न सिर्फ आसमान छू रही हैं, बल्कि देश की शान बढ़ा रही हैं। बचपन का वो जज्बाइंडियन एक्सप्रेस ने व्योमिका की बचपन की दोस्त के हवाले से एक कहानी शेयर की। व्योंमिका की दोस्त शालिनी रामन परक्कट, जो अब बैंगलोर में आर्टिस्ट हैं ने बताया, एक बार दिल्ली की बस में एक लड़के ने व्योमिका को परेशान करने की कोशिश की। वो बस से उतरने वाली थीं, लेकिन रुक गईं। फिर उस लड़के को ऐसी डांट पड़ी कि वो डर गया। शालिनी हंसते हुए कहती हैं, 'वो ट्यूशन सेंटर आई तो थोड़ा परेशान हुई थी, लेकिन डर? वो तो उसकी डिक्शनरी में था ही नहीं। ऐसी थी हमारी व्योमिका!' क्लासरूम से कोर्ट तक, हर जगह जलवास्कूल में व्योमिका वो स्टार थीं, जो हर जगह चमकती थीं। उनकी इंग्लिश टीचर ज्योति बिष्ट बताती हैं, 'वो इंग्लिश और हिंदी दोनों में डिबेट करती थी। उसकी बातों में इतना दम था कि सामने वाला चुप हो जाता था। बास्केटबॉल कोर्ट पर भी वो कमाल थी।' बिष्ट कहती हैं, 'टीवी पर उसे देखकर लगा कि वह वही व्योमिका है, लेकिन अब देश के लिए एक मजबूत आवाज बन चुकी है।' पतंग से प्लेन तक का सफर1998 में स्कूल खत्म करने के बाद व्योमिका ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। लेकिन उनका दिल तो आसमान को छूने में था। उनकी दोस्त सुरुचि जैन बताती हैं, 'क्लास 11 में उसने पतंग उड़ाने पर एक फिजिक्स प्रोजेक्ट बनाया था। आज वो खुद आसमान में बिना किसी डोर के उड़ रही है।'व्योंमिका ने इंडियन एयर फोर्स जॉइन की और विंग कमांडर बन गईं। उनकी दोस्त शालिनी कहती हैं, 'उस वक्त फौज में लड़कियां कम थीं। घरवालों को मनाना आसान नहीं रहा होगा, लेकिन व्योमिका ने कर दिखाया।' ऑपरेशन सिंदूर की कहानी दुनिया को बताईहाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 नागरिकों को निशाना बनाया। भारत ने इसका जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया, जिसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। इस मिशन की जानकारी देने के लिए सरकार ने दो महिला ऑफिसर्स को चुना: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। टीवी पर व्योमिका की दमदार आवाज और कॉन्फिडेंस देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। व्योंमिका आज एक बेटी की मां भी हैं। लेकिन देश की सेवा में वो कभी पीछे नहीं हटतीं। उनकी दोस्त शालिनी बताती हैं, '2013 में स्कूल के व्हाट्सऐप ग्रुप में हम दोबारा मिले। जब पता चला कि व्योमिका एयर फोर्स में है, हम सब हैरान थे। वो वही मस्तीखोर लड़की थी, बस अब वर्दी में।'
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