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'बचपन में पिता Prostitute बुलाते थे, रात 3-4 बजे तक करना पड़ता था काम', Actress की बातें हिला देंगी

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कहते हैं कि बच्‍चे की जिंदगी मां-बाप से मिली परवरिश पर टिकी होती है। बच्‍चा कैसा बनेगा, उसका व्‍यवहार कैसा होगा, उसकी सोच कैसी होगी, यह सब उसे अपने बचपन में मिली परवरिश पर निर्भर करता है। हालांकि, हर बच्‍चे को अच्‍छी परवरिश नहीं मिल पाती है और बच्‍चे को घरेलू हिंसा जैसी खतरनाक चीज देखनी पड़े, तो फिर उसका मानसिक और भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।

ऐसा ही कुछ टीवी एक्‍ट्रेस शाइनी दोशी के साथ हुआ। हाल ही में सिद्धार्थ कनन के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान शाइनी ने अपने बचपन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताई, जो किसी भी बच्‍चे के लिए बुरे सपने से कम नहीं होंगी। आगे जानिए कि शाइनी ने अपने बचपन के बारे में क्‍या राज खोले हैं।

फोटो साभार: freepik & instagram (shinydoshi15)


शाइनी दोशी ने देखी है घरेलू हिंसा image

शाइनी ने बताया कि उनके पति अक्‍सर उनकी मां को मारते थे और झगड़े के दौरान उन्‍हें और उनकी मां को बहुत गलत बातें बोलते थे। एक्‍ट्रेस ने कहा कि उनके और उनके पिता के बीच बहुत ज्‍यादा कड़वाहट है और वो कभी भी अपने पिता के साथ एक पॉजिटिव रिश्‍ता नहीं बना पाईं।

फोटो साभार:instagram (shinydoshi15)


बुलाते थे प्रॉस्टिट्यूट image

इंटरव्‍यू के दौरान शाइनी काफी टूट गई थीं और रो रही थी। उन्‍होंने बताया कि जब वो 16 साल की थीं, तब उनके पिता ने उन्‍हें प्रॉस्टिट्यूट बुलाया था। उन्‍होंने कहा कि उनके पिता उन्‍हें, उनकी मां और भाई को छोड़कर चले गए थे और घर को पालने की जिम्‍मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। यहां तक कि उनके पास अपने स्‍कूल और कॉलेज की फीस भरने तक के पैसे नहीं थे।

फोटो साभार:instagram (shinydoshi15)


हो गया था डिप्रेशन image

बचपन में ही इतने दर्द झेलने वाली शाइनी से सिद्धार्थ ने पूछा था कि इतना सब कुछ देखने के बाद क्‍या उन्‍हें डिप्रेशन हुआ था? इस पर शाइनी ने कहा 'हां जरूर और मैं लगभग एक साल तक डिप्रेशन में थी।' जब बच्‍चों के साथ नाजुक उम्र में इस तरह की घटनाएं होती हैं, तब उनके डिप्रेशन में जाने का खतरा अधिक रहता है।

फोटो साभार:instagram (shinydoshi15)


घरेलू हिंसा के नुकसान image

womenshealth.govके अनुसार जो बच्‍चे घरेलू हिंसा या शारीरिक, मानिसक या भावनात्‍मक रूप से किसी भी तरह की हिंसा का शिकार होते हैं, उनमें शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्‍याएं होने का खतरा अधिक रहता है। इन्‍हें डिप्रेशन और एंग्‍जायटी हो सकता है।

फोटो साभार: freepik


क्‍या कहती है रिसर्च? image

Sage journalमें प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार जिनबच्‍चों को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है, उनके अंदर बिहेवियर और कॉग्‍नीटिव प्राब्‍लम्‍स आ सकती हैं। इनमें अवसाद, चिंता और पोस्‍ट ट्रॉमैटिक स्‍ट्रेस डिसऑर्डर का भी खतरा देखने को मिलता है।

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