Next Story
Newszop

बेटी के बालिग होने तक मैंने तलाक नहीं लिया, पति से अलग हुई तो बढ़ी क्रिएटिविटी, मैं अकेले खुश हूं

Send Push
दो प्यार करने वाले जब शादी करके एक छत के नीचे रहने लगते हैं। तो कई बार रिश्ते में प्यार बढ़ने की बजाय शिकायतें बढ़ने लगती हैं। नंदिनी त्रिवेदी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मनपसंद लड़के से शादी करने के बावजूद नंदिनी अपने रिश्ते से खुश नहीं थी। जब साथ रहना मुश्किल लगने लगा तो नंदिनी ने पति से तलाक लेने का फैसला कर लिया।

लेखिका और म्यूजिक रिसर्चर नंदिनी त्रिवेदी की कहानी प्यार के ऐसे रूप को दर्शाती है जहां कपल के मन में एक दूसरे के प्रति प्यार तो होता है। लेकिन हालात और साथी की हरकतें जीना दुश्वार कर देती हैं। नंदिनी ने पति से तलाक का फैसला क्यों किया, आइए उन्हीं से जानते हैं।
एक जैसे शौक हमें करीब ले आए image

प्यार को जन्मों का बंधन माना जाता है। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। मैंने प्यार किया। प्यार निभाया, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही साथ रहना मुश्किल हो गया।




हम दोनों की पसंद और शौक एक जैसे थे। दोनों लेखन के क्षेत्र में थे और दोनों को संगीत से बहुत लगाव था। हमारे शौक और काम का दायरा एक दूसरे के करीब था। धीरे-धीरे हम भी एक दूसरे के करीब आ गए। हमें दिन रात साथ रहने का मौका मिले इसलिए हमने शादी कर ली।


शादी के बाद प्यार नहीं शिकायतें बढ़ीं image

शादी के बाद हमारे रिश्ते में पहले जैसी बात नहीं रही। प्यार बढ़ने की बजाय हमारे बीच झगड़े बढ़ने लगे। शादी के एक साल बाद हमारी बेटी हो गई। लेकिन मेरे पति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय और लापरवाह हो गए। वो कहीं भी टिक कर काम नहीं करते थे। उनकी लापरवाही के कारण हमारे बीच झगड़े बढ़ने लगे। घर का माहौल और हमारा मूड दोनों खराब रहने लगे। मैं समझ नहीं पा रही थी कि अब मैं क्या करूं।


मुझ पर पैसे कमाने का प्रेशर बढ़ गया image

बेटी के जन्म के बाद घर के खर्च बढ़ने लगे। लेकिन पति समझ नहीं पा रहे थे कि इसका मेरी मेंटल हेल्थ पर कितना बुरा असर हो रहा है। मैं घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच बुरी तरह पिस रही थी।



उस समय तक हमें ‘पोस्ट पार्टम डिप्रेशन’ के बारे में पता नहीं था। लेकिन बेटी के जन्म के बाद मेरा व्यवहार बहुत चिड़चिड़ा हो गया था। मुझे समझ नहीं आता था कि इतनी सारी जिम्मेदारियां मैं कैसे निभा सकूंगी।


मैंने तलाक का फैसला कर लिया image

जब घर का माहौल और हमारा रिश्ता दोनों बिगड़ने लगे तो मैंने पति से अलग होने का फैसला कर लिया। लेकिन ये फैसला इतना आसान नहीं था। जिससे आपने बहुत प्यार किया हो उससे अलग होना आसान नहीं होता। लेकिन मैं ये जान चुकी थी कि अब हमारा साथ रहना सही नहीं है।



मैं चाहती थी कि बेटी को माता-पिता दोनों का प्यार मिले। उसे कभी ये महसूस न हो कि दूसरे बच्चों की तरह उसके मम्मी-पापा साथ नहीं रहते। बेटी की खातिर मैंने 18 साल तक पति को तलाक नहीं दिया।


बेटी के लिए 18 साल निभाया रिश्ता image

मैं मन से पति से अलग हो चुकी थी। सिर्फ बेटी की खातिर मैंने 18 साल तक रिश्ता निभाया। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी बेटी पर जबर्दस्ती सिर्फ मां या पिता के साथ रहने की शर्त थोपी जाए। मैं चाहती थी कि जब वो बालिग हो जाए तो खुद फैसला करे कि वो किस के साथ रहना चाहती है। मैंने अपनी तरफ से रिश्ता निभाने में कोई कमी नहीं की। मैंने पत्नी का धर्म भी निभाया और मां होने की जिम्मेदारी भी पूरी की। जब बेटी 18 साल की हो गई तो मैंने पति से तलाक लिया और हम अलग हो गए।


अब मैं बहुत खुश हूं image

पति से अलग होने के बाद मेरी क्रिएटिविटी बढ़ गई। मैं पहले से ज्यादा और अच्छा काम करने लगी। सबसे बड़ी बात ये कि मैं खुश रहने लगी। मैंने अपनी मेहनत से घर खरीदा। बेटी की शादी की। अब बेटी अपने ससुराल में खुश है। बेटी और दामाद मेरा बहुत खयाल रखते हैं।



अब मैं खूब लिख रही हूं। अपने संगीत के शौक को पूरा कर रही हूं। अपनी पसंदीदा जगहों पर घूमने जाती हूं। अपने रिश्ते से मैंने यही सीखा- जरूरी नहीं है कि दो प्यार करने वाले एक छत के नीचे खुश रह सकें। रिश्ते को ढोने से अच्छा है अलग हो जाना। मुझे अब अपनी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं।

Loving Newspoint? Download the app now