NBT रिपोर्ट/एजेंसियां, नई दिल्ली: एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में अब सिर्फ 14 दिन का समय बचा है। ऐसे में भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने माना है कि चोट के बाद मिला छह हफ्ते का आराम उनके लिए चुनौती भी था और खुद को 'सर्वश्रेष्ठ स्तर' पर वापस लाने का मौका भी। भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार ने बीसीसीआई द्वारा जारी की गई एक विडियो में खुलकर बात की। सूर्यकुमार ने पेट के दाहिने हिस्से में दर्द की वजह से जून में म्यूनिख में स्पोट्र्स हर्निया की सर्जरी करवाई थी। इसके बाद वह बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रिहैबिलिटेशन से गुजरे।
ब्रेक में खेल को निखारा 34 वर्षीय सूर्यकुमार अब पूरी तरह फिट हो चुके हैं और 9 सितंबर से यूएई में शुरू होने वाले एशिया कप में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं अभी अच्छा महसूस कर रहा हूं। पिछले पांच-छह हफ्तों की दिनचर्या ने मुझे मजबूत बनाया। यह वापसी मेरे लिए सकारात्मक रही।'
सूर्यकुमार ने रिहैब को मानसिक मजबूती का जरिया बताया। उन्होंने कहा, 'सबसे जरूरी है कि रिहैब के दौरान आपके आसपास सही लोग हों। मैंने इसे अपने खेल को और निखारने का अवसर माना। हर हफ्ते को छोटे लक्ष्य में बांटकर काम किया और सही दिशा में आगे बढ़ता रहा।' अपनी चोट के शुरुआती एहसास को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'आईपीएल के अंत में मुझे इसका पता चला। यह पिछले साल हुई चोट जैसी ही थी और तभी मुझे अंदाजा हो गया कि समस्या गंभीर हो सकती है।'
लय हासिल करने की चुनौतीटी20 बैटिंग रैंकिंग्स में छठे नंबर पर काबिज सूर्या की कप्तानी में भारत ने 22 में से 17 मैच जीते हैं जबकि चार में हार का सामना करना पड़ा। एक मुकाबला ड्रॉ रहा है। सूर्य का टी20I में जीत प्रतिशत 77.27 है, जो भारत के लिए 10+ मैच में कप्तानी करने वाले प्लेयर्स के बीच दूसरा सर्वाधिक है। रोहित शर्मा 79.03 प्रतिशत के साथ टॉप पर है। हालांकि, कप्तानी की वजह से सूर्य के बल्ले का प्रदर्शन कुछ हद तक फका हुआ है। सूर्य ने भारत के लिए बतौर प्लेयर 61 टी20I में कप्तानी नहीं की। इन मैच में उन्होंने 43.40 के ऐवरेज और 168.17 स्ट्राइक रेट से 2040 रन बनाए हैं। हालांकि, बतौर कप्तानी उनकी कंसिस्टेंसी पर असर पड़ा है। उन्होंने भारत के लिए जिन 22 मैच में कप्तानी की है, उसमें उनका ऐवरेज सिर्फ 26.57 का रहा है।
इंजरी ने किया परेशानयह पहली बार नहीं है जब सूर्या ने ऐसी चुनौतियां झेली हों। दिसंबर 2023 में सूर्यकुमार को टखने की चोट का सामना करना पड़ा था। जिसकी वजह से उन्हें अफगानिस्तान का भारतीय दौरा मिस करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने एंकल सर्जरी करवाई थी। फिर साल 2024 की शुरुआत में स्पोट्र्स हर्निया की एक और सर्जरी भी उनके करियर में आई। मगर हर बार उन्होंने मजबूती से वापसी की और इस बार भी एशिया कप से पहले वह उसी आत्मविश्वास से भरे हैं।
ब्रेक में खेल को निखारा 34 वर्षीय सूर्यकुमार अब पूरी तरह फिट हो चुके हैं और 9 सितंबर से यूएई में शुरू होने वाले एशिया कप में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं अभी अच्छा महसूस कर रहा हूं। पिछले पांच-छह हफ्तों की दिनचर्या ने मुझे मजबूत बनाया। यह वापसी मेरे लिए सकारात्मक रही।'
सूर्यकुमार ने रिहैब को मानसिक मजबूती का जरिया बताया। उन्होंने कहा, 'सबसे जरूरी है कि रिहैब के दौरान आपके आसपास सही लोग हों। मैंने इसे अपने खेल को और निखारने का अवसर माना। हर हफ्ते को छोटे लक्ष्य में बांटकर काम किया और सही दिशा में आगे बढ़ता रहा।' अपनी चोट के शुरुआती एहसास को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'आईपीएल के अंत में मुझे इसका पता चला। यह पिछले साल हुई चोट जैसी ही थी और तभी मुझे अंदाजा हो गया कि समस्या गंभीर हो सकती है।'
लय हासिल करने की चुनौतीटी20 बैटिंग रैंकिंग्स में छठे नंबर पर काबिज सूर्या की कप्तानी में भारत ने 22 में से 17 मैच जीते हैं जबकि चार में हार का सामना करना पड़ा। एक मुकाबला ड्रॉ रहा है। सूर्य का टी20I में जीत प्रतिशत 77.27 है, जो भारत के लिए 10+ मैच में कप्तानी करने वाले प्लेयर्स के बीच दूसरा सर्वाधिक है। रोहित शर्मा 79.03 प्रतिशत के साथ टॉप पर है। हालांकि, कप्तानी की वजह से सूर्य के बल्ले का प्रदर्शन कुछ हद तक फका हुआ है। सूर्य ने भारत के लिए बतौर प्लेयर 61 टी20I में कप्तानी नहीं की। इन मैच में उन्होंने 43.40 के ऐवरेज और 168.17 स्ट्राइक रेट से 2040 रन बनाए हैं। हालांकि, बतौर कप्तानी उनकी कंसिस्टेंसी पर असर पड़ा है। उन्होंने भारत के लिए जिन 22 मैच में कप्तानी की है, उसमें उनका ऐवरेज सिर्फ 26.57 का रहा है।
इंजरी ने किया परेशानयह पहली बार नहीं है जब सूर्या ने ऐसी चुनौतियां झेली हों। दिसंबर 2023 में सूर्यकुमार को टखने की चोट का सामना करना पड़ा था। जिसकी वजह से उन्हें अफगानिस्तान का भारतीय दौरा मिस करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने एंकल सर्जरी करवाई थी। फिर साल 2024 की शुरुआत में स्पोट्र्स हर्निया की एक और सर्जरी भी उनके करियर में आई। मगर हर बार उन्होंने मजबूती से वापसी की और इस बार भी एशिया कप से पहले वह उसी आत्मविश्वास से भरे हैं।
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