सुनील साकेत, आगरा: उत्तर प्रदेश के पिनाहट में गुरुवार शाम को एक दर्दनाक हादसा हो गया। प्राथमिक स्कूल का गेट और पिलर भरभरा कर गिर पड़ा। जिसके मलबे में दबकर 10 साल की मासूम बालिका की मौत हो गई। छात्रा कक्षा 5 में पढ़ती थी। बच्ची की मौत से गांव में कोहराम मच गया। मौके पर पुलिस पहुंच गई। इस हादसे से ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा हो गया। पुलिस ने मामले को जैसे-तैसे संभाला।
पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत बलाई के उप गांव पोखर गगनकी निवासी केशव वर्मा किसान हैं। उनकी 10 वर्षीय बेटी चांदनी बृहस्पतिवार शाम साढ़े चार बजे प्राथमिक विद्यालय के बाहर गांव के अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। सभी बच्चे विद्यालय के गेट के पास खड़े हुए थे। गेट पर खड़ी होकर चांदनी झूला झूलने लगी। इसी दौरान गेट पिलर के साथ भरभरा कर बच्ची की ऊपर गिर पड़ा। हादसा देखकर लोगों में चीख-पुकार मच गई। मलबे को बच्ची के ऊपर से हटाया जब तक हटाया जाता, तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।
लोहे के गेट के नीचे दब गई चांदनी
चांदनी लोहे के गेट के नीचे दब गई थी। मच गई। ग्रामीणों ने गेट को उठाया। इसके बाद चांदनी को अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। खंड शिक्षा अधिकारी उमेश गौतम का कहना है कि बारिश में दीवार में सीलन थी। बालिका गेट पर चढ़ गई थी, तभी हादसा हो गया। मामले में जानकारी की जा रही है।
पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गईजिस विद्यालय के गेट पर हादसा हुआ था। चांदनी उसी विद्यालय में कक्षा 5 की छात्रा थी। विद्यालय के पास ही उनका घर भी है। शाम को आए दिन बच्चे आकर स्कूल के बाहर खेलने लग जाते थे। पिता केशव के तीन बच्चे हैं। इनमें बेटी प्रदीप से छोटी थी। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस को किसी तरह की तहरीर नहीं दी गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गेट के नीचे खून के छीटें देखकर परिजन बिलख रहे थे।
पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत बलाई के उप गांव पोखर गगनकी निवासी केशव वर्मा किसान हैं। उनकी 10 वर्षीय बेटी चांदनी बृहस्पतिवार शाम साढ़े चार बजे प्राथमिक विद्यालय के बाहर गांव के अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। सभी बच्चे विद्यालय के गेट के पास खड़े हुए थे। गेट पर खड़ी होकर चांदनी झूला झूलने लगी। इसी दौरान गेट पिलर के साथ भरभरा कर बच्ची की ऊपर गिर पड़ा। हादसा देखकर लोगों में चीख-पुकार मच गई। मलबे को बच्ची के ऊपर से हटाया जब तक हटाया जाता, तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।
लोहे के गेट के नीचे दब गई चांदनी
चांदनी लोहे के गेट के नीचे दब गई थी। मच गई। ग्रामीणों ने गेट को उठाया। इसके बाद चांदनी को अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। खंड शिक्षा अधिकारी उमेश गौतम का कहना है कि बारिश में दीवार में सीलन थी। बालिका गेट पर चढ़ गई थी, तभी हादसा हो गया। मामले में जानकारी की जा रही है।
पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गईजिस विद्यालय के गेट पर हादसा हुआ था। चांदनी उसी विद्यालय में कक्षा 5 की छात्रा थी। विद्यालय के पास ही उनका घर भी है। शाम को आए दिन बच्चे आकर स्कूल के बाहर खेलने लग जाते थे। पिता केशव के तीन बच्चे हैं। इनमें बेटी प्रदीप से छोटी थी। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस को किसी तरह की तहरीर नहीं दी गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गेट के नीचे खून के छीटें देखकर परिजन बिलख रहे थे।
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