पटना/नयी दिल्ली: भारत ने ‘छठ महापर्व’ को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल कराने के लिए 2026-27 चक्र में बहुराष्ट्रीय नामांकन भेजने के लिए सूरीनाम, नीदरलैंड और अन्य देशों से सहयोग मांगा है। संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इस संबंध में सहयोग प्राप्त करने के लिए उसने यहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सूरीनाम और नीदरलैंड के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की।
छठ को यूनेस्को टैग दिलाने की मुहिम
सोमवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति सचिव विवेक अग्रवाल ने की। इसमें संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संगीत नाटक अकादमी और आईजीएनसीए के अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्रालय ने कहा कि सूर्य देव और ‘छठी मैया’ को समर्पित यह प्राचीन पर्व भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है, जिसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस त्योहार को प्रवासी भारतीय मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, यूएई तथा नीदरलैंड में भी मनाते हैं।
योग और कुंभ मेला पहले से ही यूनेस्को की लिस्ट में
मंत्रालय के अनुसार, यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में पहले से ही 15 तत्वों को शामिल करके, भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा में अग्रणी देशों में से एक है। योग, कुंभ मेला और कोलकाता का दुर्गापूजा उत्सव इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि 2026-27 चक्र के लिए छठ महापर्व का बहुराष्ट्रीय नामांकन भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और जीवंत परंपराओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता में एक और बड़ी उपलब्धि है।
इन देशों ने दिया सहयोग का आश्वासन
मंत्रालय ने बताया कि बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने इस पहल का स्वागत किया, अपने देशों में प्रवासी भारतीय समुदायों के बीच इस पर्व के महत्व को स्वीकार किया और नामांकन के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में, सचिव (संस्कृति) ने मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड में भारतीय राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ डिजिटल रूप से परस्पर बातचीत भी की, जिन्होंने समुदायों की पहचान करने और नामांकन प्रक्रिया के लिए डेटा उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग व्यक्त किया।
इनपुट- भाषा
छठ को यूनेस्को टैग दिलाने की मुहिम
सोमवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति सचिव विवेक अग्रवाल ने की। इसमें संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संगीत नाटक अकादमी और आईजीएनसीए के अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्रालय ने कहा कि सूर्य देव और ‘छठी मैया’ को समर्पित यह प्राचीन पर्व भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है, जिसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस त्योहार को प्रवासी भारतीय मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, यूएई तथा नीदरलैंड में भी मनाते हैं।
योग और कुंभ मेला पहले से ही यूनेस्को की लिस्ट में
मंत्रालय के अनुसार, यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में पहले से ही 15 तत्वों को शामिल करके, भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा में अग्रणी देशों में से एक है। योग, कुंभ मेला और कोलकाता का दुर्गापूजा उत्सव इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि 2026-27 चक्र के लिए छठ महापर्व का बहुराष्ट्रीय नामांकन भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और जीवंत परंपराओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता में एक और बड़ी उपलब्धि है।
इन देशों ने दिया सहयोग का आश्वासन
मंत्रालय ने बताया कि बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने इस पहल का स्वागत किया, अपने देशों में प्रवासी भारतीय समुदायों के बीच इस पर्व के महत्व को स्वीकार किया और नामांकन के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में, सचिव (संस्कृति) ने मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड में भारतीय राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ डिजिटल रूप से परस्पर बातचीत भी की, जिन्होंने समुदायों की पहचान करने और नामांकन प्रक्रिया के लिए डेटा उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग व्यक्त किया।
इनपुट- भाषा
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