रोहतास: बिहार में निवास प्रमाण पत्र के लिए फर्जी और अजीबोगरीब नामों से आवेदन देने का सिलसिला थम नहीं रहा। पहले 'डॉग बाबू', 'सोनालिका ट्रैक्टर' और 'डोनाल्ड ट्रंप' के नाम से आवेदन आ चुके हैं। अब रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड में बिल्ली की तस्वीर लगा 'कैट कुमार' नाम से आवेदन आया है। आवेदन देखकर एक बार के लिए आवदेन जांचकर्ता की भी हंसी छूट गई। फिर इस आवेदन को निरस्त कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
आवेदन में पिता का नाम 'कैटी बॉस' और माता का नाम 'कैटिया देवी'
रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड से जुलाई में ये आवेदन किया गया था। अब इसकी जांच में ये मामला सामने आया है। इस ऑनलाइन आवेदन (क्रमांक: BRCCO/ 2025/18001397) में आवेदक का नाम कैट कुमार, पिता का नाम कैटी बॉस और माता का नाम कैटिया देवी दर्ज है। पता अतीमीगंज गांव, वार्ड संख्या 7, थाना नासरीगंज और पिन कोड 821310 लिखा गया है। आवेदन में निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पढ़ाई के लिए बताई गई है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई, पुलिस में मामला दर्ज
मामला सामने आते ही रोहतास की डीएम उदिता सिंह ने राजस्व कर्मी को जांच के आदेश दिए और पुलिस में केस दर्ज कराया। आवेदन में मोबाइल नंबर और ईमेल भी दर्ज हैं, जिससे स्पष्ट है कि यह जानबूझकर किया गया है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की हरकत हुई हो। कुछ दिन पहले नीतीश कुमार की फोटो लगाकर भी आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने की कोसिश हुई थी। इसके पहले भी कई जिलों में जानवरों और काल्पनिक नामों से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आए हैं। अधिकारी मानते हैं कि यह सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर अपराध है।
आवेदन में पिता का नाम 'कैटी बॉस' और माता का नाम 'कैटिया देवी'
रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड से जुलाई में ये आवेदन किया गया था। अब इसकी जांच में ये मामला सामने आया है। इस ऑनलाइन आवेदन (क्रमांक: BRCCO/ 2025/18001397) में आवेदक का नाम कैट कुमार, पिता का नाम कैटी बॉस और माता का नाम कैटिया देवी दर्ज है। पता अतीमीगंज गांव, वार्ड संख्या 7, थाना नासरीगंज और पिन कोड 821310 लिखा गया है। आवेदन में निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पढ़ाई के लिए बताई गई है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई, पुलिस में मामला दर्ज
मामला सामने आते ही रोहतास की डीएम उदिता सिंह ने राजस्व कर्मी को जांच के आदेश दिए और पुलिस में केस दर्ज कराया। आवेदन में मोबाइल नंबर और ईमेल भी दर्ज हैं, जिससे स्पष्ट है कि यह जानबूझकर किया गया है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की हरकत हुई हो। कुछ दिन पहले नीतीश कुमार की फोटो लगाकर भी आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने की कोसिश हुई थी। इसके पहले भी कई जिलों में जानवरों और काल्पनिक नामों से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आए हैं। अधिकारी मानते हैं कि यह सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर अपराध है।
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