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प्रदूषण बढ़ रहा है... हम मैराथन, स्पोर्ट्स डे मना रहे हैं, दिल्ली में 'जहरीली' हवा के खिलाफ इंडिया गेट के पास सड़क पर उतरे लोग

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नई दिल्ली : दिल्ली में सर्दियों की दस्तक के साथ ही हवा में 'जहर' का स्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार को दिल्ली में कई जगह पर एक्यूआई रेड जोन में पहुंच गया। बढ़ते प्रदूषण को लेकर छात्रों ने सरकार के खिलाफ इंडिया गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि दिल्ली में पॉल्यूशन गंभीर और खतरनाक लेवल पर पहुंच गया हैं, लेकिन GRAP के उपाय लागू नहीं किए गए हैं।

सीएम ने मिलने से कर दिया मना
दिल्ली में इंडिया गेट पर एयर पॉल्यूशन के खिलाफ प्रोटेस्ट में शामिल होते हुए, एनवायरनमेंटलिस्ट भवरीन कंधारी ने कहा कि हम चुने हुए अधिकारियों से मिलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमारी रिक्वेस्ट मना कर दी गई। उन्होंने कहा कि बहुत सारी माताएं और माता-पिता बहुत चिंतित हैं क्योंकि अभी एक परेशान करने वाली बात हो रही है - जैसा कि आप देख सकते हैं, कोई भी मास्क नहीं पहन रहा है। मैराथन हो रही हैं, स्कूल स्पोर्ट्स डे मना रहे हैं, और फिर भी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है।



बच्चों के फेफड़े हो रहे खराब

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि हम पीछे जा रहे हैं। हमारी यही रिक्वेस्ट है - प्लीज़, यह हमारे बच्चों के बारे में है। ये छोटे बच्चे हैं जो प्रभावित हो रहे हैं; हर तीसरे बच्चे के फेफड़े पहले से ही खराब हो चुके हैं। हमारे बच्चे अपने उन कजन्स से दस साल कम जिएंगे जो साफ हवा में सांस लेते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमें अभी भी उम्मीद है, और इसीलिए हम यहां हैं। अधिकतर माताएं, चिंतित माता-पिता और नागरिक। कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है। हम सब बस माता-पिता हैं। यहां बहुत से लोग इनहेलर और नेबुलाइजर पकड़े हुए हैं, प्रिस्क्रिप्शन दिखा रहे हैं। ये हमारी भावनाएं हैं, हमारा दर्द है।


प्रोटेस्ट में डॉग लवर भी शामिल
खास बात रही की इस प्रोटेस्ट में डॉग लवर भी शामिल रहे। ये लोग सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए जिसमें शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, बस और रेलवे स्टेशनों के परिसर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया गया है। एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट अंबिका शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को फ्री पास दे दिया, यह कहते हुए कि प्रदूषण मत हटाओ बल्कि जानवरों को हटाओ... यह किस तरह का 'वसुधैव कुटुंबकम' है, जहाँ सिर्फ इंसानों को जीने का हक है?

उन्होंने कहा कि यह पहला ऑर्डर है जहाँ फुटनोट में सिर्फ अनवेरिफाइड मीडिया रिपोर्ट्स हैं, किसी एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट, साइंटिफिक डेटा, म्युनिसिपल डेटा, या मेडिकल रिपोर्ट नहीं है।

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