तेहरान: पाकिस्तान लगातार दावे कर रहा है कि अगले कुछ घंटों में भारत हमला करने वाला है। जिससे दोनों देशों के बीच जंग शुरू होने की आशंका है। वहीं अब ईरान ने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को रोकने का बीड़ा उठाया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इस हफ्ते भारत और पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बनाई है, जिसका मकसद क्षेत्रीय युद्ध रोकने के लिए ईरान का परामर्श शामिल है। ईरान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की बात की थी। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने शनिवार को प्रेस टीवी को बताया कि अरागची उच्च पदस्थ पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ परामर्श करने के लिए सोमवार को पाकिस्तान पहुंचेंगे।ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विदेश मंत्री की यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और क्षेत्रीय संघर्ष को रोकने से संबंधित होगी। इसके अलावा बाघई ने यह भी पुष्टि की, कि शीर्ष राजनयिक पाकिस्तान के बाद इस हफ्ते के अंत में भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों परमाणु संपन्ने देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की होगी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है, लेकिन पाकिस्तान ने आरोपों को नकार दिया है। भारत-पाकिस्तान में मध्यस्थता करवाएगा ईरान!ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने 26 अप्रैल को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन किया था। जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई की आवश्यकता पर बल दिया था। उसी दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ एक अलग फोन कॉल में पेजेशकियन ने पहलगाम हमले को लेकर बात की थी, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई थी। आपको बता दें कि ईरान उन देशों में शामिल है, जिसके भारत और पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते हैं। ईरान, पाकिस्तान से भी थोड़ा ज्यादा भारत के करीब है। दूसरी तरफ भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इसपर कोई बात नहीं की जा रही है। माना जा रहा है कि भारत की चुप्पी, आने वाले तूफान से पहले की खामोशी है।भारत ने अभी तक पाकिस्तान के खिलाफ कई कार्रवाई की है। जिसमें सबसे अहम सिंधु जल समझौता सस्पेंड करना है। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है। पाकिस्तान के नेता लगातार भारतीयों का खून बहाने की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ हों या विदेश मंत्री इशाक डार, हर कोई भारत के खिलाफ हमले की बात कर रहा है। शनिवार को रूसी ब्रॉडकास्टर आरटी को दिए गये एक इंटरव्यू में बोलते हुए मास्को में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक मुहम्मद खालिद जमाली ने भी भारत को धमकी देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि "इस्लामाबाद के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है जो बताती है कि भारत पाकिस्तानी क्षेत्र पर सैन्य हमले की योजना बना रहा है।" मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि "कुछ दस्तावेज लीक हुए हैं जिनके मुताबिक पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर हमला करने का फैसला लिया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि "इसलिए हमें लगता है कि ऐसा होने वाला है और यह निश्चित है।"
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