नई दिल्ली: पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का समापन भारतीय दल ने नई ऊंचाइयों के साथ किया। 100 से अधिक देशों के 2200 खिलाड़ियों ने 186 इवेंट्स में हिस्सा लिया जिसमें मेजबान भारत ने 22 मेडल जीते और मेडल टेली में दसवें स्थान पर रहा। ब्राजील कुल 44 मेडल के साथ टॉप पर रहा। यह भारत का इस चैंपियनशिप के इतिहास में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।
भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शनभारत के 22 मेडल्स में 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज शामिल रहे। भारत ने इससे पहले दुबई 2019 में 9, पेरिस 2023 में 10 और कोबे 2024 में 17 मेडल जीते थे। भारत ने 2011 में पहली बार इस चैंपियनशिप में कोई मेडल जीता था। तब क्राइस्टचर्च की मेजबानी में हुए इस इवेंट में गिरीश नागराजेगौड़ा ने मेंस हाई जंप टी42 इवेंट में सिल्वर हासिल किया था। साल 2013 में एक और फिर 2015 में दो मेडल जीते।
एक दशक में 11 गुना से ज्यादा मेडलइसके बाद भारत ने पिछले एक दशक में 10 गुना से ज्यादा की रफ्तार से इस चैंपियनशिप में अपनी मेडलों की संख्या को बढ़ाया है। साल 2015 से लगातार सुधार साल 2015 से लगातार प्रदर्शन को सुधारते हुए इस साल ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। खेल विशेषज्ञों के अनुसार, इस चैंपियनशिप ने भारत को विश्वस्तरीय आयोजकों की श्रेणी में स्थापित किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड पैरा ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारतीय ऐथलेटिक्स के ऐतिहासिक प्रदर्शन की सराहना की।
लंबी कूद और 100 मीटर टी64 वर्ग में दो गोल्ड जीतने वाले नीदरलैंड्स की फ्लयोर जोंग ने भारत की मेहमाननवाजी की सराहना करते हुए कहा, ‘नई दिल्ली ने शानदार आयोजन किया, यहां का वातावरण बेहद प्रेरणादायक रहा।’ टॉप्स का मिला फायदा: सरकार के टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) और खेलो इंडिया कार्यक्रम का असर साफ दिखा। बीस पदक विजेताओं में से 15 पदक विजेता TOPS से और एक खिलाड़ी खेलो इंडिया से था। कुल 45 भारतीय खिलाड़ियों ने इन दोनों कार्यक्रमों के तहत हिस्सा लिया।
भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शनभारत के 22 मेडल्स में 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज शामिल रहे। भारत ने इससे पहले दुबई 2019 में 9, पेरिस 2023 में 10 और कोबे 2024 में 17 मेडल जीते थे। भारत ने 2011 में पहली बार इस चैंपियनशिप में कोई मेडल जीता था। तब क्राइस्टचर्च की मेजबानी में हुए इस इवेंट में गिरीश नागराजेगौड़ा ने मेंस हाई जंप टी42 इवेंट में सिल्वर हासिल किया था। साल 2013 में एक और फिर 2015 में दो मेडल जीते।
एक दशक में 11 गुना से ज्यादा मेडलइसके बाद भारत ने पिछले एक दशक में 10 गुना से ज्यादा की रफ्तार से इस चैंपियनशिप में अपनी मेडलों की संख्या को बढ़ाया है। साल 2015 से लगातार सुधार साल 2015 से लगातार प्रदर्शन को सुधारते हुए इस साल ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। खेल विशेषज्ञों के अनुसार, इस चैंपियनशिप ने भारत को विश्वस्तरीय आयोजकों की श्रेणी में स्थापित किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड पैरा ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारतीय ऐथलेटिक्स के ऐतिहासिक प्रदर्शन की सराहना की।
लंबी कूद और 100 मीटर टी64 वर्ग में दो गोल्ड जीतने वाले नीदरलैंड्स की फ्लयोर जोंग ने भारत की मेहमाननवाजी की सराहना करते हुए कहा, ‘नई दिल्ली ने शानदार आयोजन किया, यहां का वातावरण बेहद प्रेरणादायक रहा।’ टॉप्स का मिला फायदा: सरकार के टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) और खेलो इंडिया कार्यक्रम का असर साफ दिखा। बीस पदक विजेताओं में से 15 पदक विजेता TOPS से और एक खिलाड़ी खेलो इंडिया से था। कुल 45 भारतीय खिलाड़ियों ने इन दोनों कार्यक्रमों के तहत हिस्सा लिया।
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