वॉशिंगटन: पाकिस्तान को अमेरिका से 'AIM-120 उन्नत मध्यम दूरी' की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (AMRAAM) मिलने जी रही हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) को इन ताकतवर मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दी है। यह दोनों देशों के बीच एक फिर सैन्य सहयोग बढ़ने को दिखाता है। भारत का ध्यान इसने विशेषतौर से खींचा हैं क्योंकि इन मिसाइलों से पाकिस्तान के F-16 बेड़े की ताकत बढ़ेगी। इसे भारत के राफेल जेट के मुकाबले के लिए उठाए गए कदम की तरह देखा जा रहा है।
वॉशिंगटन की ओर जारी एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, पाकिस्तान को साल 2030 तक AIM-120D-3 उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दे दी जाएंगी। यह आपूर्ति वैश्विक स्तर पर अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों को हथियारों की बिक्री की एक व्यापक सूची का हिस्सा है। पाकिस्तान के अलावा भी कई सहयोयगी देशों को अमेरिका ये मिसाइलें देगा।
क्यों खास हैं ये मिसाइलेंAIM-120D-3 मिसाइलें AMRAAM फैमिली का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है। इनको दुश्मन के विमानों और आने वाली मिसाइलों के खिलाफ दृश्य-सीमा से परे जाकर (बीवीआर) हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के मौजूदा F-16 बेड़े की ऑपरेशनल सीमा और सटीकता को बढ़ाएगी। इससे पीएएफ हवाई खतरों का बेहतर ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी।
पाकिस्तान लंबे समय से अपने पुराने AIM-120C-5 वेरिएंट की जगह नई पीढ़ी के AMRAAM खरीद की कोशिश में था। पुराने AIM की डिलीवरी पाकिस्तान को 2010 में F-16 ब्लॉक 52 विमानों के साथ मिली थी। भारत के अपने हवाई बेड़े के आधुनिकीकरण और खासतौर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में नई मिसाइलों के लिए बेचैनी बढ़ गई थी।
राफेल के मुकाबले की कोशिश!भारत ने अपनी एयरफोर्स की ताकत हालिया वर्षों में बढ़ाई है। भारत को हाल ही में मेटियोर मिसाइलों से लैस राफेल जेट विमान मिले हैं। भारत को राफेल मिलने के बाद से पाकिस्तान पर इस क्षमता अंतर को पाटने और अपनी ताकत बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम राफेल के मुकाबले में खुद को खड़ा करने की कोशिश है।
यह कदम भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्षतिग्रस्त हुए F-16 जेट विमानों की मरम्मत में अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को मदद के कुछ महीनों बाद आया है। पाकिस्तानी सैन्य संपत्तियों के नवीनीकरण में वॉशिंगटन का सहयोग वर्षों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद दोनों पक्षों के बीच नए सिरे से रणनीतिक जुड़ाव को दिखाता है।
पाक-अमेरिका रक्षा संबंधपाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं। ट्रंप ने हालिया समय में पाकिस्तानी सरकार और सेना की तारीफ की है। अमेरिका और पाकिस्तान का रक्षा सहयोग दशकों पुराना है लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह कमजोर पड़ा था। अब यह रिश्ता फिर से मजबूत होता दिख रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रंप साउथ एशिया की राजनीति को साधने और चीन के प्रभाव को रोकने के लिए ये कर रहे हैं।
वॉशिंगटन की ओर जारी एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, पाकिस्तान को साल 2030 तक AIM-120D-3 उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दे दी जाएंगी। यह आपूर्ति वैश्विक स्तर पर अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों को हथियारों की बिक्री की एक व्यापक सूची का हिस्सा है। पाकिस्तान के अलावा भी कई सहयोयगी देशों को अमेरिका ये मिसाइलें देगा।
क्यों खास हैं ये मिसाइलेंAIM-120D-3 मिसाइलें AMRAAM फैमिली का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है। इनको दुश्मन के विमानों और आने वाली मिसाइलों के खिलाफ दृश्य-सीमा से परे जाकर (बीवीआर) हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के मौजूदा F-16 बेड़े की ऑपरेशनल सीमा और सटीकता को बढ़ाएगी। इससे पीएएफ हवाई खतरों का बेहतर ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी।
पाकिस्तान लंबे समय से अपने पुराने AIM-120C-5 वेरिएंट की जगह नई पीढ़ी के AMRAAM खरीद की कोशिश में था। पुराने AIM की डिलीवरी पाकिस्तान को 2010 में F-16 ब्लॉक 52 विमानों के साथ मिली थी। भारत के अपने हवाई बेड़े के आधुनिकीकरण और खासतौर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में नई मिसाइलों के लिए बेचैनी बढ़ गई थी।
राफेल के मुकाबले की कोशिश!भारत ने अपनी एयरफोर्स की ताकत हालिया वर्षों में बढ़ाई है। भारत को हाल ही में मेटियोर मिसाइलों से लैस राफेल जेट विमान मिले हैं। भारत को राफेल मिलने के बाद से पाकिस्तान पर इस क्षमता अंतर को पाटने और अपनी ताकत बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम राफेल के मुकाबले में खुद को खड़ा करने की कोशिश है।
यह कदम भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्षतिग्रस्त हुए F-16 जेट विमानों की मरम्मत में अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को मदद के कुछ महीनों बाद आया है। पाकिस्तानी सैन्य संपत्तियों के नवीनीकरण में वॉशिंगटन का सहयोग वर्षों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद दोनों पक्षों के बीच नए सिरे से रणनीतिक जुड़ाव को दिखाता है।
पाक-अमेरिका रक्षा संबंधपाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं। ट्रंप ने हालिया समय में पाकिस्तानी सरकार और सेना की तारीफ की है। अमेरिका और पाकिस्तान का रक्षा सहयोग दशकों पुराना है लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह कमजोर पड़ा था। अब यह रिश्ता फिर से मजबूत होता दिख रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रंप साउथ एशिया की राजनीति को साधने और चीन के प्रभाव को रोकने के लिए ये कर रहे हैं।
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