Next Story
Newszop

अमेरिका और चीन दोनों दे रहे धौंस, भारत को क्या करना चाहिए? इस चेतावनी से समझिए

Send Push
नई दिल्‍ली: भारत को चीन और अमेरिका दोनों के साथ बराबरी का रिश्ता रखना चाहिए। यह रिश्ता भारत की अपनी मर्जी, फायदे और दुनिया के व्यापार नियमों के हिसाब से होना चाहिए, न कि किसी के दबाव में। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सोमवार को यह बात आगाह करते हुए कही। जीटीआरआई ने यह बात तब कही है जब चीन ने उन देशों को चेतावनी दी है जो अमेरिका के साथ मिलकर चीन के हितों को नुकसान पहुंचाते हैं। जीटीआरआई का कहना है कि दुनिया में सामान की सप्लाई के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भरता है। ऐसे में चीन की चेतावनी को समझना जरूरी है।जीटीआरआई ने कहा है कि चीन उन देशों पर गुस्सा कर सकता है जो अमेरिका के साथ मिलकर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत सारे देश, जैसे अमेरिका, यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और भारत, अपनी जरूरत के सामान के लिए चीन पर निर्भर हैं।चीन दुनिया में सामान बनाने के हर स्तर पर मजबूत है। चाहे तैयार माल हो, या सामान बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जे, हर चीज के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता है।जीटीआरआई का कहना है कि चीन को इस स्थिति से हटाने के लिए कच्चे माल से लेकर तैयार माल तक हर चीज को बनाने की क्षमता विकसित करनी होगी। अभी तक किसी भी देश ने इतने बड़े पैमाने पर यह काम नहीं किया है। यानी चीन को टक्कर देने के लिए हमें हर चीज खुद बनाने में सक्षम होना होगा, जो कि बहुत मुश्किल है।जीटीआरआई का मानना है कि भारत को अपना रास्ता खुद बनाना चाहिए। उसे अपने देश में सामान बनाने की क्षमता बढ़ानी चाहिए। साथ ही, कुछ खास चीजों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए निवेश करना चाहिए। इसका मतलब है कि भारत को अपने देश में ही ज्यादा से ज्यादा चीजें बनानी चाहिए ताकि उसे दूसरे देशों से कम सामान खरीदना पड़े।भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिनसे इन नियमों का उल्लंघन हो। WTO एक संस्था है जो दुनिया भर में व्यापार के नियमों को बनाती है।जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘भारत को दो देशों की भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में नहीं फंसना चाहिए। इसके बजाय, इसे चीन और अमेरिका दोनों के साथ समान शर्तों पर जुड़ना चाहिए, जो रणनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक हित और वैश्विक व्यापार सिद्धांतों से निर्देशित हो, न कि बाहरी दबाव से।’ इसका मतलब है कि भारत को अपनी समझदारी से काम लेना चाहिए और किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए। उसे अपने फायदे और दुनिया के व्यापार नियमों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेना चाहिए।आसान भाषा में कहें तो जीटीआरआई का कहना है कि भारत को चीन और अमेरिका के बीच चल रही खींचतान से दूर रहना चाहिए। उसे अपने देश को मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए और दुनिया के व्यापार नियमों का पालन करना चाहिए। भारत को किसी के दबाव में आकर कोई काम नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी समझदारी से ही फैसले लेने चाहिए।
Loving Newspoint? Download the app now