नई दिल्ली: सेक्टर-66 के मार्क अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार दोपहर ऑक्सिजन लाइन में अचानक लीकेज के बाद ब्लास्ट हो गया। इससे ऑक्सिजन सप्लाई बाधित हो गई। उस समय आईसीयू में 9 मरीज भर्ती थे। इस बीच वेंटिलेटर पर रखे गए एक मरीज की मौत हो गई।
अस्पताल में मची अफरातफरी
अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि ब्लास्ट से कुछ समय पहले ही वह दम तोड़ चुका था। उस समय डॉक्टर ईको कर मौत की पुष्टि कर रहे थे। उधर, आईसीयू में धुआं फैलने से अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। स्टाफ ने घटना की जानकारी पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी।
रविवार की है घटना
सूचना पर फेज-3 थाना पुलिस और दमकल विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। दमकल की टीम और स्टाफ ने मरीजों दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया। शव लेकर बिजनौर गए परिजन, नहीं दी शिकायत फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, घटना रविवार दोपहर करीब 12 बजे की है। इस दौरान अस्पताल की बिजली चली गई। इसके चलते आईसीयू में भर्ती मरीजों की ऑक्सिजन सप्लाई बंद हो गई।
मरीजों को दूसरे वॉर्डों में किया गया शिफ्ट
अस्पताल मैनेजमेंट ने तुरंत ऐम्बुलेंस और 15 ऑक्सिजन सिलिंडर मंगा लिए। साथ ही एक मरीज की हालत नाजुक देख उसे दूसरे अस्पताल में भेजा गया। इसके बाद स्टाफ और डॉक्टरों ने 8 मरीजों को दूसरे वॉर्डों में शिफ्ट कर ऑक्सिजन सिलिंडर लगा दिए। वहीं, सूचना मिलते ही फायर डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची।
इस घटना में बिजनौर के मरीज की मौत
अस्पताल स्टाफ की मदद से करीब आधे घंटे में आईसीयू से उठ रहे धुएं पर काबू पाया। बिजनौर के रहने वाले नरेश चौधरी (45) आईसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती थे। उनकी हालत काफी खराब थी। इस घटना के दौरान नरेश चौधरी की मौत हो गई। परिजन शव लेकर बिजनौर चले गए। मामले में कोई शिकायत नहीं दी गई है।
संडे को ही वेंटिलेटर पर किया था शिफ्ट
प्रदीप कुमार ने बताया कि उनके पिता नरेश चौधरी को 2 दिन पहले सांस लेने में दिक्कत हुई थी। बिजनौर के डॉक्टरों ने नोएडा रेफर किया था। इसके बाद उन्हें मार्क अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। यहां ऑक्सिजन सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया। रविवार को डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। वेंटिलेटर पर रखने के बाद ही ऑक्सिजन लाइन में ब्लास्ट हो गया।
क्या है मामला
मार्क अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक डॉ अनुज त्रिपाठी का कहना है कि आईसीयू में रविवार दोपहर अचानक ऑक्सिजन लाइन मे लीकेज आने की वजह से यह ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट के दौरान किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। एक मरीज की हालत नाजुक थी। परिजनों को घटना से पहले ही बता दिया गया था कि मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है। उनको वेटिलेटर पर रखना पड़ेगा। वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने के बाद मरीज ने दम तोड़ दिया। -डॉ. अनुज त्रिपाठी, संचालक,
गौतमबुद्ध नगर के सीएफओ प्रदीप चौबे ने बताया कि मार्क अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर की ऑक्सिजन लाइन में ब्लास्ट के बाद धुआं उठने लगा था। मौके पर पहुंचकर धुएं पर काबू पा लिया गया। ब्लास्ट से कोई जनहानि नहीं हुई है।
अस्पताल में मची अफरातफरी
अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि ब्लास्ट से कुछ समय पहले ही वह दम तोड़ चुका था। उस समय डॉक्टर ईको कर मौत की पुष्टि कर रहे थे। उधर, आईसीयू में धुआं फैलने से अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। स्टाफ ने घटना की जानकारी पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी।
रविवार की है घटना
सूचना पर फेज-3 थाना पुलिस और दमकल विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। दमकल की टीम और स्टाफ ने मरीजों दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया। शव लेकर बिजनौर गए परिजन, नहीं दी शिकायत फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, घटना रविवार दोपहर करीब 12 बजे की है। इस दौरान अस्पताल की बिजली चली गई। इसके चलते आईसीयू में भर्ती मरीजों की ऑक्सिजन सप्लाई बंद हो गई।
मरीजों को दूसरे वॉर्डों में किया गया शिफ्ट
अस्पताल मैनेजमेंट ने तुरंत ऐम्बुलेंस और 15 ऑक्सिजन सिलिंडर मंगा लिए। साथ ही एक मरीज की हालत नाजुक देख उसे दूसरे अस्पताल में भेजा गया। इसके बाद स्टाफ और डॉक्टरों ने 8 मरीजों को दूसरे वॉर्डों में शिफ्ट कर ऑक्सिजन सिलिंडर लगा दिए। वहीं, सूचना मिलते ही फायर डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची।
इस घटना में बिजनौर के मरीज की मौत
अस्पताल स्टाफ की मदद से करीब आधे घंटे में आईसीयू से उठ रहे धुएं पर काबू पाया। बिजनौर के रहने वाले नरेश चौधरी (45) आईसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती थे। उनकी हालत काफी खराब थी। इस घटना के दौरान नरेश चौधरी की मौत हो गई। परिजन शव लेकर बिजनौर चले गए। मामले में कोई शिकायत नहीं दी गई है।
संडे को ही वेंटिलेटर पर किया था शिफ्ट
प्रदीप कुमार ने बताया कि उनके पिता नरेश चौधरी को 2 दिन पहले सांस लेने में दिक्कत हुई थी। बिजनौर के डॉक्टरों ने नोएडा रेफर किया था। इसके बाद उन्हें मार्क अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। यहां ऑक्सिजन सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया। रविवार को डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। वेंटिलेटर पर रखने के बाद ही ऑक्सिजन लाइन में ब्लास्ट हो गया।
क्या है मामला
मार्क अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक डॉ अनुज त्रिपाठी का कहना है कि आईसीयू में रविवार दोपहर अचानक ऑक्सिजन लाइन मे लीकेज आने की वजह से यह ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट के दौरान किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। एक मरीज की हालत नाजुक थी। परिजनों को घटना से पहले ही बता दिया गया था कि मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है। उनको वेटिलेटर पर रखना पड़ेगा। वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने के बाद मरीज ने दम तोड़ दिया। -डॉ. अनुज त्रिपाठी, संचालक,
गौतमबुद्ध नगर के सीएफओ प्रदीप चौबे ने बताया कि मार्क अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर की ऑक्सिजन लाइन में ब्लास्ट के बाद धुआं उठने लगा था। मौके पर पहुंचकर धुएं पर काबू पा लिया गया। ब्लास्ट से कोई जनहानि नहीं हुई है।
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