इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना और सरकार को एक बार फिर देश की एक प्रमुख ट्रेन जाफर एक्सप्रेस के अगवा होने का डर सता रहा है। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के स्लीपर सेल और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों से खतरे की आशंका के बाद पाकिस्तान सरकार ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। पाकिस्तानी सेना और सरकार ट्रेन पर हमले की किसी शर्मिंदगी से बचने के लिए कई कदम उठा रहा है।
शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से सीएनएन-न्यूज18 ने दावा किया है कि यह ट्रेन सेवा 9 से 11 नवंबर तक निलंबित रहेगी। सूत्रों ने संकेत दिया है कि टीटीपी और बीएलए के लड़ाके पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपने अभियान में क्वेटा-जोब और बोलन सेक्शन पर रेल ढांचे और यात्री यातायात को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।
क्या है पाकिस्तान का डरखुफिया सूत्रों ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों को निशाना बनाने का संदेह है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों में आई खटास के कारण सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने की भी संभावना है। इन हमलों का उद्देश्य बड़े हमलों से पहले पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और रेल सुरक्षा तैयारियों का परीक्षण करना भी है।
पाकिस्तान में हाल के महीनों में जाफर एक्सप्रेस को कई बार निशाना बनाया गया है। यह इस क्षेत्र में लगातार सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित करता है। पिछले महीने सिंध-बलूचिस्तान सीमा के पास सुल्तानकोट इलाके के पास ट्रेन पर हमला हुआ था। पटरियों पर लगाए गए विस्फोटक से छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। बलूच विद्रोही समूह बलूच रिपब्लिक गार्ड्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
लगातार हुए ट्रेन पर हमलेबीते महीने 24 सितंबर को बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में एक ट्रेन में हुए बम विस्फोट में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए थे। इन घटनाओं के चलते पाकिस्तानी सेना और सरकार रेलवो की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उसे डर है कि जाफर एक्सप्रेस पर मार्च जैसा हमला ना सिर्फ घर बल्कि दुनिया के सामने भी उसकी किरकिरी करा सकता है। ऐसे में वह लगातार एहतियाती कदम उठा रहा है।
शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से सीएनएन-न्यूज18 ने दावा किया है कि यह ट्रेन सेवा 9 से 11 नवंबर तक निलंबित रहेगी। सूत्रों ने संकेत दिया है कि टीटीपी और बीएलए के लड़ाके पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपने अभियान में क्वेटा-जोब और बोलन सेक्शन पर रेल ढांचे और यात्री यातायात को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।
क्या है पाकिस्तान का डरखुफिया सूत्रों ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों को निशाना बनाने का संदेह है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों में आई खटास के कारण सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने की भी संभावना है। इन हमलों का उद्देश्य बड़े हमलों से पहले पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और रेल सुरक्षा तैयारियों का परीक्षण करना भी है।
पाकिस्तान में हाल के महीनों में जाफर एक्सप्रेस को कई बार निशाना बनाया गया है। यह इस क्षेत्र में लगातार सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित करता है। पिछले महीने सिंध-बलूचिस्तान सीमा के पास सुल्तानकोट इलाके के पास ट्रेन पर हमला हुआ था। पटरियों पर लगाए गए विस्फोटक से छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। बलूच विद्रोही समूह बलूच रिपब्लिक गार्ड्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
लगातार हुए ट्रेन पर हमलेबीते महीने 24 सितंबर को बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में एक ट्रेन में हुए बम विस्फोट में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए थे। इन घटनाओं के चलते पाकिस्तानी सेना और सरकार रेलवो की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उसे डर है कि जाफर एक्सप्रेस पर मार्च जैसा हमला ना सिर्फ घर बल्कि दुनिया के सामने भी उसकी किरकिरी करा सकता है। ऐसे में वह लगातार एहतियाती कदम उठा रहा है।
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