काबुल: तालिबान के लोक निर्माण मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि अफगानिस्तान को खफ-हेरात रेलवे के जरिए डीजल की पहली खेप मिली है। इसे अफगानिस्तान के इतिहास में मील का पत्थर माना जा रहा है। इस रेल लाइन के जरिए डीजल की आपूर्ति से अफगानिस्तान की पाकिस्तान से निर्भरता कम होगी। अभी तक अफगानिस्तान विदेशी व्यापार के लिए काफी हद तक पाकिस्तान पर निर्भर था। इस ताजा घटनाक्रम को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा संघर्ष के बीच तालिबान की बड़ी सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है।
तालिबान ने क्या बताया
तालिबान के लोक निर्माण मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अशरफ हक्शेनस ने बताया कि रविवार को हेरात प्रांत के रोज़ानक स्टेशन पर 1,120 टन डीजल ईंधन पहुंचा। X पर एक पोस्ट में, हक्शेनस ने बताया कि इस खेप में टाइप-02 डीजल ईंधन ले जाने वाले 20 वैगन शामिल थे, जिनका कुल भार 1,120 टन था। हालांकि अधिकारी ने आयातक कंपनी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि यह खेप एक निजी कंपनी की है।
ईरान के रास्ते व्यापार बढ़ा रहा अफगानिस्तान
तालिबान प्रशासन ने कहा कि यह अभियान हेरात-खफ रेलवे के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है और इसे अफगानिस्तान के ज़रिए एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण गलियारा बताया। इससे पहले मार्च 2024 में, हेरात स्थित तालिबान गवर्नर कार्यालय ने उसी रेलवे के माध्यम से अफगानिस्तान की पहली निर्यात खेप की घोषणा की थी, जो तुर्की और यूरोप के लिए सूखे मेवों की 1.2 मिलियन डॉलर की खेप थी।
खाफ-हेरात रेलवे परियोजना को जानें
खाफ-हेरात रेलवे अफगानिस्तान और ईरान के बीच एक संयुक्त परियोजना है। यह दोनों देशों के बीच व्यापार, पारगमन और ऊर्जा सहयोग बढ़ाने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है। यह रेल लाइन पूर्वी ईरान के खाफ को पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात से जोड़ती है। यह परियोजना ईरान के वित्त पोषण से 2007 में शुरू हुई थी और यह क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। । इस रेल लाइन के जरिए अफगानिस्तान विदेशी व्यापार को बढ़ा सकेगा। इसके लिए उसे पाकिस्तान के रहमों करम पर निर्भर रहने की जरूरत भी नहीं होगी।
तालिबान ने क्या बताया
तालिबान के लोक निर्माण मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अशरफ हक्शेनस ने बताया कि रविवार को हेरात प्रांत के रोज़ानक स्टेशन पर 1,120 टन डीजल ईंधन पहुंचा। X पर एक पोस्ट में, हक्शेनस ने बताया कि इस खेप में टाइप-02 डीजल ईंधन ले जाने वाले 20 वैगन शामिल थे, जिनका कुल भार 1,120 टन था। हालांकि अधिकारी ने आयातक कंपनी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि यह खेप एक निजी कंपनी की है।
ईरान के रास्ते व्यापार बढ़ा रहा अफगानिस्तान
तालिबान प्रशासन ने कहा कि यह अभियान हेरात-खफ रेलवे के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है और इसे अफगानिस्तान के ज़रिए एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण गलियारा बताया। इससे पहले मार्च 2024 में, हेरात स्थित तालिबान गवर्नर कार्यालय ने उसी रेलवे के माध्यम से अफगानिस्तान की पहली निर्यात खेप की घोषणा की थी, जो तुर्की और यूरोप के लिए सूखे मेवों की 1.2 मिलियन डॉलर की खेप थी।
खाफ-हेरात रेलवे परियोजना को जानें
खाफ-हेरात रेलवे अफगानिस्तान और ईरान के बीच एक संयुक्त परियोजना है। यह दोनों देशों के बीच व्यापार, पारगमन और ऊर्जा सहयोग बढ़ाने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है। यह रेल लाइन पूर्वी ईरान के खाफ को पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात से जोड़ती है। यह परियोजना ईरान के वित्त पोषण से 2007 में शुरू हुई थी और यह क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। । इस रेल लाइन के जरिए अफगानिस्तान विदेशी व्यापार को बढ़ा सकेगा। इसके लिए उसे पाकिस्तान के रहमों करम पर निर्भर रहने की जरूरत भी नहीं होगी।
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