इस्लामाबाद: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पाकिस्तान पर भीषण एयरस्ट्राइक किया है। भारत ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं, जिसमें कई आतंकवादियों के मारे जाने की रिपोर्ट है। इस हमले के भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर अंजाम दिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर रात 1:44 बजे सटीक हमले किए। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर चले ऑपरेशन पर लगातार नजर रखे हुए थे। वहीं भारत के हमले के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और अनापशनाप बयानबाजी कर रहा है। अब पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारत के टॉप डिप्लोमेट को तलब करते हुए आपत्तिपत्र सौंपा है।भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों के उन ठिकानों पर हमला किया है, जहां से आतंकी हमलों की योजना बनाते थे या भारत में घुसपैठ करने का प्लान तैयार करते थे। भारत ने इस जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' कोडनेम दिया था। ये कोडनेम पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को श्रद्धांजलि है। भारतीय टॉप डिप्लोमेट को किया तलबपाकिस्तान की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि "पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने भारत के चार्ज डी अफेयर्स को तलब किया है, जिसमें पाकिस्तान ने भारतीय स्ट्राइक को लेकर कड़ा एतराज जताया है, जिसमें भारतीय बलों ने पाकिस्तान और पीओके में कई ठिकानों पर हमले किए हैं।" पाकिस्तान ने कहा है कि "भारत के एयरस्ट्राइक में कई नागरिकों की मौत हुई है, जबकि कई नागरिक घायल हो गये हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।" पाकिस्तान ने कहा है कि "भारतीय डिप्लोमेट को बताया गया है कि भारत का एयरस्ट्राइक पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है। पाकिस्तान भारत के इस धमकाने वाले रवैये को जोरदार तरीके से खारिज करता है।" पाकिस्तान ने कहा है कि "पाकिस्तान ने भारतीय पत्र को चेतावनी दी है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना रवैया क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।"वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा है कि "22 अप्रैल को पहलगाम में बर्बरतापूर्वक हमला किया। इसमें वहां मौजूद लोगों को करीब से और परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। जम्मू कश्मीरी में पर्यटन बढ़ रहा था। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट कश्मीर आए थे। आतंकी हमले का मकसद इसे रोकना था। इसका मकसद जम्मू-कश्मीर सहित भारत में सामुदायिक घटना कराने की कोशिश की। TRF समूह ने इसकी जिम्मेदारी ली, जो पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप तश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। हमारी खुफिया एजेंसियों ने कई जानकारी जुटाई हैं। पाकिस्तान का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। ये आतंकवादियों का शरण स्थली बना है। पाकिस्तान ने अंतराराष्ट्रीय मंचों को गुमराह करता है। साजिद मीर को मृत्य घोषित किया, जो बाद में जिंदा पाया गया।"
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