रियाद: इजरायल की नेसेट (संसद) में वेस्ट बैंक पर कब्जे से जुड़े कानूनों को शुरुआती मंजूरी मिलने पर खाड़ी देश भड़क गए हैं। क्षेत्र के सऊदी अरब, कतर और यूएई जैसे प्रभावशाली देशों ने कड़े शब्दों में इजरायल के इस कदम की आलोचना की है। खाड़ी देशों ने इस मसले को रेड लाइन करार दिया है और अब्राहम अकॉर्ड पर संकट आने के संकेत दिए हैं। खाड़ी देशों ने इशारा किया है कि इजरायल के इस कदम से अब्राहम समझौता खत्म हो सकता है। यह समझौता मुस्लिम देशों और इजरायल के संबंधों को सामान्य करने की पहल है।
कतर और सऊदी अरब ने इजरायली नेसेट के 'कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इजरायली संप्रभुता थोपने' के दो कानूनों को मंजूरी देने की कड़ी निंदा की है। दोनों मुल्कों ने इसे फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का घोर उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए चुनौती बताया है। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के राजनयिक सलाहकार अनवर गरगाश ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए इसे रेड लाइन कहा है। गरगाश ने कहा कि इजरायल की सुरक्षा और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है।
संतुलन बनाने की जरूरतकतर के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इजरायली संप्रभुता थोपने और बस्ती बसाने के उद्देश्य से दो मसौदा कानूनों को लाना चिंताजनक है। कतर इसे फिलिस्तीनी लोगों के ऐतिहासिक अधिकारों का घोर उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं संबंधित प्रस्तावों के लिए चुनौती मानता है। कतर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इजरायल को विस्तारवादी योजनाओं से रोकने का आह्वान किया है।
सऊदी अरब ने भी इन कानूनों को मंजूरी दिए जाने की निंदा की है। सऊदी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब इजरायल की बस्तियों और विस्तारवादी उल्लंघनों को पूरी तरह से अस्वीकार करता है। सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के 1967 की सीमाओं पर पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी बनाकर प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के अंतर्निहित और ऐतिहासिक अधिकार के प्रति अपना समर्थन दोहराता है।
क्या है नया कानूनइजरायली संसद ने कब्जे वाले पश्चिमी तट पर अपनी संप्रभुता लागू करने वाले विधेयक को प्रारंभिक मंजूरी देने के लिए मतदान किया है। यह फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। 120 सीटों वाली नेसेट में यह बहुत कम अंतर 25-24, से पारित हुआ। यह विधेयक को कानून बनाने का पहला चरण है। नेसेट के बयान में कहा गया है कि विधेयक को पश्चिमी तट के क्षेत्रों पर इजरायल की संप्रभुता लागू करने के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी गई है।
कतर और सऊदी अरब ने इजरायली नेसेट के 'कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इजरायली संप्रभुता थोपने' के दो कानूनों को मंजूरी देने की कड़ी निंदा की है। दोनों मुल्कों ने इसे फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का घोर उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए चुनौती बताया है। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के राजनयिक सलाहकार अनवर गरगाश ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए इसे रेड लाइन कहा है। गरगाश ने कहा कि इजरायल की सुरक्षा और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है।
संतुलन बनाने की जरूरतकतर के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इजरायली संप्रभुता थोपने और बस्ती बसाने के उद्देश्य से दो मसौदा कानूनों को लाना चिंताजनक है। कतर इसे फिलिस्तीनी लोगों के ऐतिहासिक अधिकारों का घोर उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं संबंधित प्रस्तावों के लिए चुनौती मानता है। कतर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इजरायल को विस्तारवादी योजनाओं से रोकने का आह्वान किया है।
सऊदी अरब ने भी इन कानूनों को मंजूरी दिए जाने की निंदा की है। सऊदी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब इजरायल की बस्तियों और विस्तारवादी उल्लंघनों को पूरी तरह से अस्वीकार करता है। सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के 1967 की सीमाओं पर पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी बनाकर प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के अंतर्निहित और ऐतिहासिक अधिकार के प्रति अपना समर्थन दोहराता है।
क्या है नया कानूनइजरायली संसद ने कब्जे वाले पश्चिमी तट पर अपनी संप्रभुता लागू करने वाले विधेयक को प्रारंभिक मंजूरी देने के लिए मतदान किया है। यह फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा। 120 सीटों वाली नेसेट में यह बहुत कम अंतर 25-24, से पारित हुआ। यह विधेयक को कानून बनाने का पहला चरण है। नेसेट के बयान में कहा गया है कि विधेयक को पश्चिमी तट के क्षेत्रों पर इजरायल की संप्रभुता लागू करने के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी गई है।
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